गोरखपुर के गोरखनाथ मंदिर में शनिवार की सुबह एक पुलिस और प्रशासन के हाथ-पांव उस वक्त फुल गए, जब एक व्यक्ति मंदिर परिसर में स्थित मोबाइल टावर पर चढ़ गया। उसे मुख्यमंत्री के जनता दरबार में जाना था। लेकिन आरोप है कि उसे सीएम से मिलने से रोक दिया गया।
जिसके बाद युवक अचानक टॉवर पर चढ़ने की सूचना से मंदिर में कुछ देर के लिए अफरा तफरी मच गई। पुलिस और अन्य सुरक्षा दल के लोग उसे सुरक्षित नीचे उतारने के लिए टॉवर के पास पहुंचे। करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद नौशाद को नीचे उतारा गया।
युवक की पहचान मैनपुरी के रहने वाले नौशाद के रुप में हुई। नीचे उतारे जाने पर उसने अपनी आपबीती बताई। सीएम योगी से मिलकर अपनी फरियाद सुनाना चाह रहा था। अपने साथ एक शिकायती भी पत्र लाया था। इसमें लिखा था कि प्रार्थी नौशाद अली मैनपुरी का रहने वाला है। छह साल पहले उसने सनातन धर्म अपना लिया था।
पति-पत्नी ने अपना लिया हिंदू धर्म
मेरे साथ मेरी पत्नी ने भी अपनाया था। मेरे ही धर्म के लोगों ने मेरे उपर झूठा केस दर्ज करवा मुझे जेल में भिजवा दिया। प्रार्थी मैनपुर में मंदिर में ही रहता है और वहां सेवा सफाई का काम करता है। कांवड़ में प्रार्थी ने जल चढ़ाई भी किया था। हमने पूरे मामले की जानकारी कांवड़ा यात्रा शुरू करने से पहले SP को भी दिया था।
सीएम से मिलने से रोकने पर टॉवर पर चढ़ा
बताया कि उनके धर्म के लोगों ने जलभर कर लाए कांवड़ को घर नहीं ले जाने दिया। मंदिर मेंही कांवड़ के जल भी रखना पड़ा। सीएम से मिलकर अपनी फरियाद सुनाना चाह रहा था। लेकिन, उसे यहां सुरक्षा में तैनात कर्मी सीएम से मिलने से रोकने लगे। जिसके बाद वह मौका देखकर मोबाइल टॉवर पर ही चढ़ गया। हालांकि, नौशाद को नीचे उतारने के बाद उससे पूछताछ जारी है।