हाथरस : पैसे के लिए रिश्ते हुए तार-तार, भाई-बहन ने रचाई शादी, जाने कैसे हुआ खुलासा?


 उत्तर प्रदेश के हाथरस में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें भाई-बहन ने पैसे के लालच में एक-दूसरे से शादी कर ली। यह घटना एक सामूहिक विवाह समारोह के दौरान हुई, जहां दोनों ने सरकारी योजना से मिलने वाले लाभ के लिए शादी रचाई। इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश तब हुआ जब स्थानीय निवासियों ने इस मामले की शिकायत की और प्रशासन ने जांच के आदेश दिए।

कैसे हुआ खुलासा?

मामला तब सामने आया जब लोगों ने देखा कि सामूहिक विवाह योजना के तहत आयोजित समारोह में भाई-बहन ने एक-दूसरे से विवाह किया है। जानकारी के अनुसार, यह फर्जीवाड़ा मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत मिलने वाले 35,000 रुपये और अन्य सरकारी लाभ प्राप्त करने के लिए किया गया था। योजना के तहत दुल्हन के बैंक खाते में पैसे जमा किए जाते हैं और नवविवाहित जोड़ों को अन्य सुविधाएं प्रदान की जाती हैं।

इस फर्जीवाड़े में केवल भाई-बहन ही शामिल नहीं थे, बल्कि कई विवाहित जोड़ों ने भी योजना का लाभ उठाने के लिए दोबारा शादी रचाई। एसडीएम वेद सिंह चौहान ने बताया कि इस मामले की उचित जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।

क्या है मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना?

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत गरीब और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के नवविवाहित जोड़ों को सरकार की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। योजना के अंतर्गत दुल्हन के खाते में 35,000 रुपये जमा किए जाते हैं, 10,000 रुपये की आवश्यक वस्तुएं दी जाती हैं, और शादी के खर्च के लिए 6,000 रुपये का प्रावधान है।

आगे की कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने इस फर्जीवाड़े की गहन जांच शुरू कर दी है। नगर निगम के एक कर्मचारी पर भी फर्जी शादियों में शामिल होने का आरोप है। हाथरस में 15 दिसंबर 2023 को आयोजित इस सामूहिक विवाह समारोह में 217 जोड़ों की शादी कराई गई थी, जिसमें यह फर्जीवाड़ा सामने आया।

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