जिला जज कोर्ट में इस मामले की सुनवाई चल रही थी। सारे गवाह और साक्ष्यों को देखते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश संजीव कुमार ने दोषियों को सजा दी है
खेत में काम करते समय किया था हमला
डीजीसी जितेंद्र सिंह ने बताया कि घटना 2012 की है। हरदुआगंज में ट्रिपल मर्डर हुआ था। जिसमें फूलमती देवी की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया था। बताया गया था कि उनके पति रेशम पाल, देवर सुरेश पाल और बेटा सोनू खेत में काम कर रहे थे। वह खेत में नाली बना रहे थे। इसी दौरान जेठ अभय पाल सिंह, भतीजा राजकुमार और वेदराम वहां आ गए। इन्होंने नाली बनाने का विरोध किया और मारपीट शुरू कर दी। पीड़िता ने बताया था कि उनके जेठ ने मारपीट शुरू की और गोलियां चल गई। इसमें उनके बेटे सोनू के गोली लगी और उसकी मौत हो गई। जबकि लाठी-डंडे से घायल होने के कारण उनके पति रेशम पाल और देवर सुरेश की भी मौत हो गई थी
एक विपक्षी की भी हुई थी मौत
दोनों तरफ से हुए झगड़े में दोषी पाए गए रेशम पाल सिंह के बेटे सुनील की भी मौत हो गई थी। जिसमें दूसरे पक्ष के खिलाफ भी मुकदमा चला था। लेकिन न्यायालय ने दूसरे पक्ष के आरोपी मानवेंद्र को दोषमुक्त करते हुए बरी कर दिया है। जबकि अन्य तीन के खिलाफ फैसला सुनाया है।
फैसले के बाद तीनों को भेजा गया जेल
कोर्ट ने हत्या करने वाले अभय पाल, राजकुमार और वेदराम को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। जिसके बाद पुलिस ने तीनों दोषियों को तत्काल हिरासत में लेते हुए जेल भेज दिया है।
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