हरदुआगंज मंडी में किसानों के चबूतरे पर भ्रष्टाचार का जाल

 


निखिल शर्मा
धनीपुर मंडी से संबद्ध हरदुआगंज की गल्ला मंडी में किसानों के हितार्थ बने चबूतरे को आढ़ती व थोक व्यापारियों की जाल वाली दुकानें बनवा दी जा रही हैं। बिना किसी उच्चाधिकारियों की अनुमति के बीते तीन माह में एक दर्जन व बीते सालों में 40 दुकानें बनवाकर आढ़ती व थोक व्यापारियों के कब्जे करा दिया। चबूतरे पर अवैध कब्जे की पिछले कई दिनों से लगातार शिकायत के बाद भी चबूतरे पर बची करीब 60 वर्गफुट जगह पर भी रविवार को जाल बेल्डिंग होते देख किसानों का सब्र जबाव दे गया। यहां भाकियू चंढुरी गुट के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष डा शैलेन्द्रपाल सिंह, जिलाध्यक्ष बंटी जादौन ने नेतृत्व में मंडी पहुंचे किसानों ने धरना प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की। वहीं किसानों से वार्ता व ज्ञापन लेने पहुंची मंडी सचिव श्रीमती जयश्री डा शैलेंद्रपाल सिंह के तीखे सवालों पर निरुत्तर दिखी। 

उनका सवाल जाल क्यों और किसके आदेश पर लगे जैसे सवालों के जवाब नहीं दे सकी तो किसानों ने मंडी प्रभारी जयश्री पर रिश्वत लेकर किसानों विरोधी कार्य करने का आरोप लगाते हुए उन्हें ज्ञापन देने से इंकार कर दिया। बाद में धनीपुर मंडी से पहुंचे अशोक शर्मा को ज्ञापन सौंपते हुए मंडी प्रभारी पर तत्काल कार्रवाई व मंगलवार तक जाल हटाकर चबूतरे साफ करने का अल्टीमेटम भी दिया। कहा कि मंगलवार तक प्रभावी कार्रवाई ना दिखी तो वह अलीगढ़ आ रहे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत करेंगे।  

50 हजार प्रति दुकान रिश्वत का आरोप

हरदुआगंज में किसानों के गल्ले की बरसात आदि से सुरक्षा व छनाई तुलाई के लिए दो चबूतरे बने थे। इसमें पश्चिमी छोर पर बने चबूतरे पर पिछले सालों में 22 जाल की दुकान बन गई। पूर्वी साइड के दूसरे चबूतरे पर दोनों ओर भी दुकानें बनवा दी। बीच मे जगह खाली थी हालांकि उसपर भी व्यापारियों के धान आदि गल्ले की बोरे भरे रहते थे। जिसका विरोध कई बार हुआ। ऐसे में किसानों के गल्ले की सड़क पर छनाई तुलाई होती है। बरसात के मौसम में किसानों को मुश्किलों का सामना करने के साथ उनका गल्ला भीगने पर आर्थिक क्षति होती है। मगर मंडी प्रशासन को इससे क्या..वो तो मंडी शुल्क बढ़ाने के नाम पर किसानों के शोषण के साथ आढ़ती/ व्यापारियों से रिश्वत लेकर उनकी जरूरतों को तबज्जो देने पर ध्यान देते हैं। 

धनीपुर मंडी सचिव को नहीं पता कैसे बनी दुकानें

हैरान कर देने वाली बात ये है कि एक माह पहले धनीपुर मंडी सचिव का चार्ज संभालने वाले राजकुमार यादव पिछले एक माह से लगातार बन रही दुकानों जानकारी होने से इंकार कर रहे हैं। हालांकि पिछले चार दिनों में किसान नेता उन्हें फोन कर इस बाबत जानकारी देने की बात कह रहे हैं। जबकि जयश्री का जवाब है कि सबकुछ धनीपुर मंडी सचिव के आदेश पर ही हो रहा है। एक दूसरे के प्रति विरोधाभासी बयानों व कौन सच्चा कौन झूठा वाले कॉम्पटीशन में रिश्वत के पैसे को मिलबांट कर खाना साफ जाहिर है।

 तो ...क्या?? आढ़ती व थोक व्यापारियों की बिना डिमांड के बन गई जाल की दुकानें

भाकियू नेता का सवाल था कि मंडी में खाली जगह की कमी नहीं है बीते डेढ़ दशक में पक्की दुकानें बनाने की डिमांड शासन को कितनी बार भेजी। इसपर सवाल पर मंडी प्रभारी जयश्री का हैरान कर देने वाला जवाब था कि कभी आढ़ती व व्यापारियों ने नई दूकानें बनाने की मांग ही नहीं की.. इसलिए डिमांड शासन नहीं भेजी। अब सवाल ये उठा कि व्यापारी/आढ़ती को दुकानों की मांग नहीं तो फिर बिना जरूरत के किसानों को आरक्षित चबूतरे पर जाल की 40 दुकानें कैसे व किसकी डिमांड पर बन गई। इस सवाल पर धनीपुर मंडी सचिव व मंडी प्रभारी निरुत्तर हैं।

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