अलीगढ़ के हरदुआगंज थाना क्षेत्र में 11 साल की दलित बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाने वाले 66 साल के बुजुर्ग को न्यायालय ने आजीवन कैद की सजा सुनाई है। घटना के बाद मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चल रही थी और लगातार इसका ट्रायल चल रहा था।
मामले की सुनवाई करते हुए विशेष न्यायधीश सुरेंद्र मोहन सहाय ने गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी करार दिया है और उसे सजा सुनाई है। कोर्ट का फैसला आते ही परिवार के लोगों ने एक ओर खुशी जताई है, वहीं दूसरी ओर दोषी के परिवार जनों में दुख का माहौल हो गया। कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस ने तत्काल दोषी को जेल भेज दिया।
चीज देने के बहाने ले गया था दोषी
घटना हरदुआगंज थाना क्षेत्र के एक गांव की है। जहां 28 दिसंबर 2023 को दोषी ने 11 साल की मासूम बच्ची को अपनी हवस का शिकार बनाया था। बच्ची दलित परिवार की थी और घर के बाहर खेल रही थी। तभी गांव मुहल्ले का ही 66 वर्षीय रसीद पुत्र रफीक, जो सिलाई का काम करता था, उसे चीज दिलाने के बहाने अपने साथ ले गया था।
दोषी की 5 संतानें हैं, जिसमें तीन बेटियां हैं। इसमें से दो की शादी हो चुकी है और एक अविवाहित है, जो घर में ही रहती थी। दोषी उसकी नजर बचाकर बच्ची को छत पर ले गया था और अपनी झोपड़ी में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। जिसके बाद उसने बच्ची को किसी को न बताने की बात कहकर भेज दिया था। बच्ची रोते हुए अपने घर आई थी और उसने अपनी दादी और बुआ से सारी बात बतार्ई थी। बच्ची की मां नहीं थी और उसकी दादी ही उसकी देखभाल करती थी।
फारेंसिक टीम ने जुटाए थे साक्ष्य
घटना के बाद बच्ची की हालत खराब हो गई थी और उसका रक्त स्त्राव रुक नहीं रहा था। जिसके बाद उसे मलखान सिंह जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। वहीं दोषी को गिरफ्तार करने के बाद फारेंसिक टीम भी मौके पर पहुंची थी और उसने सारे साक्ष्य जुटाए थे। जिसे न्यायालय में बतौर साक्ष्य पेश किया गया था।
सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता महेश सिंह ने बताया कि न्यायालय ने सारे साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर आरोपी को दोषी करार करते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 35 हजार रुपए का आर्थिक दंड भी लगाया है। जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया है।