अलीगढ़ : सरेशाम फायरिंग से दहला हरदुआगंज का जवाहर चौक, चार नामजद

 


निखिल शर्मा

मिष्ठान व्यवसायी के बेटे को निशाना बनाकर कार पर झोंका था फायर,  

लोकसभा चुनाव में सत्तादल की सीट कम होने का सीधा संकेत है कि जनता बदलाव  चाहती है। सरकार का नहीं बल्कि पुलिस व प्रशासन की मनमानी कार्यशैली में...क्योंकि अन्य विकास एवं  मूलभूत मुद्दों से कहीं ज्यादा पुलिस -प्रशासन की मनमानी कार्यशैली से जनता बेहद परेशान है।  चुनाव सम्पूर्ण होने के बाद रवैये में सुधार होता नहीं दिख रहा है। जिसकी बानगी सोमवार शाम हरदुआगंज के जवाहर चौक बाजार में देखने को मिली। 

हरदुआगंज में जवाहर चौक वो मुख्य स्थल है जहां तमाम स्वर्णकार, कपड़ा, मिठाई आदि के बड़े व प्रमुख प्रतिष्ठान हैं। जिससे यहां गुरुवार को छोड़कर बाकी दिन देर रात तक ग्राहकों की भीड़ रहती है। 

सोमवार शाम जवाहर चौक बाजार में गोली की गर्जना से थर्रा उठा। कार से आए गांव शाहपुर के विक्की चौधरी को निशाना बनाकर बाइक सवारों ने फायर झोंक दिया था। 

कस्बा में लूट चोरी व जानलेवा हमले आएदिन व युवाओं की गुटबंदी से गहराती रंजिशें जनता में भय व आक्रोश पैदा कर रही है। मगर पुलिस बड़ी घटना को छोटी करके दर्शाने की आदत से बाज नहीं आ रही है। ना ही घटना दर घटना होने के बाद भी पुलिस की आरामदायक व मनमानी कार्यशैली में बदलाव आ रहा है।

ये था मामला

सोमवार की शाम शाहपुर गांव का विक्की चौधरी हरदुआगंज जवाहर चौक पर शुभम गोयल से मिलने आया था। भीड़भाड़ के बीच ही बाइक सवार युवकों ने कार में बैठे विक्की को निशाना बनाकर गोली चला दी, जो कार के अगले शीशे को क्षतिग्रस्त कर बॉडी में जा धंसी। एक इंच ओर नीचे होती हो शायद जान भी जा सकती थी। मामले में विक्की की तहरीर पर यस पुत्र विवेक, काली पुत्र दलवीर निवासी दाऊदपुर, विवेक पुत्र नीतेश निवासी इटावली, विशाल निवासी हरदुआगंज सहित तीन चार अज्ञातों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर लिया है। 

 व्यापारियों की सुरक्षा पर भारी दुस्साहस

 इस गोलीकांड से बड़ा सवाल व्यापारियों की सुरक्षा को लेकर पैदा हो गया है। जिस तरह कैमरे व भीड़ के बीच गोली चली वो बड़ा दुस्साहस है। पुलिस का कहना है कि बाइक निकालने को लेकर विवाद हुआ तब फायर हुआ। क्या गिरोह को तमंचा लेकर घूमने की आजादी दे दी गई है। अभी भी अपराधी पुलिस की पकड़ से दूर हैं।

खास बात ये कि गोलीकांड में  जिस विवेक को नामजद किया गया है। उसका पिता नीतेश ठाकुर हरदुआगंज के बगीची पर वाहन चालकों से फाइनेंस क़िस्त की जबरन बसूली करता है। 

गुंडई से फाइनेंस उगाही का कारोबार बिना पुलिस की नजरे इनायत के चल नहीं सकता। जब पिता की पुलिस से घनिष्टता हो तो बेटे का गोली चलाना हैरानी की बात नहीं।

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