अलीगढ़ महानगर के ऊपरकोट कोतवाली के मुंशियाने में 8 दिसंबर दोपहर पासपोर्ट सत्यापन के सिलसिले में पहुंची महिला गोली लगने से जख्मी हो गई थी। गोली वहां मौजूद दरोगा की सर्विस पिस्टल से लापरवाही भरे अंदाज में चेक करने पर किए गए फायर से चली।
गोली महिला की कनपटी के पास गर्दन में लगी। आनन-फानन महिला को जेएन मेडिकल कॉलेज भर्ती कराया गया। मामले में दरोगा को तत्काल निलंबित करते हुए मुकदमा दर्ज कर दिया गया। मामले में मजिस्ट्रेटी जांच की संस्तुति की गई है। दरोगा की तलाश में पुलिस टीमें लगी हुई हैं, जल्दी ही उसकी गिरफ्तारी हो सकती है।
जब घर जाकर पासपोर्ट सत्यापन का नियम तो क्यों बुलाया गया थाने पर
अलीगढ़ महानगर की ऊपरकोट कोतवाली में शुक्रवार को जो भी हुआ उसने जिला पुलिस की थाना स्तर पर चल रही अंधेरगर्दी पर सवाल खड़ा कर दिया है। सवाल जिले भर की व्यवस्था पर खड़ा हो रहा है। साथ में कानून व्यवस्था भी घेरे में है। सवाल है कि किस नियम के तहत पासपोर्ट सत्यापन के लिए महिला को थाने बुलाया गया? फिर मुंशी ने किस नियम के तहत लोड पिस्टल दरोगा को सौंपी? दरोगा ने भी किस नियम के तहत पिस्टल को खुले में चेक करने के बजाय मुंशियाने में ही चेक किया? इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं। मगर इतना जरूर है कि निचले स्तर पर पुलिसकर्मी चंद रुपयों की खातिर अपने साथ-साथ जिले की व्यवस्था पर सवाल खड़ा कर दे रहे हैं।
घटना के समय कमरे में चार चश्मदीद
बेशक घटना कोतवाली परिसर के मुंशियाने में हुई। मगर जिस समय ये घटना हुई, उस समय कमरे में जख्मी महिला के अलावा चार लोग मौजूद थे। जिनमें दो पुलिसकर्मी, एक जख्मी महिला का बेटा व चौथा एक आम व्यक्ति है। बताया गया है कि घटना के समय मुंशियाने में मुंशी सुदीप, दरोगा मनोज के अलावा महिला व उसका बेटा और एक अन्य रात से पुलिस हिरासत में मौजूद ऊपरकोट का ही सुभान नाम का युवक बैठा था। जो किसी प्रेम प्रसंग के मामले में खुद का हाथ काटने व हंगामा करने के आरोप में रात एक बजे पुलिस द्वारा उठाकर लाया गया था। जब पुलिस व जनता और सियासी लोग मौके पर पहुंचे और हंगामा हुआ तो तो एक आम आदमी ने खुलकर सबके सामने घटना की चश्मदीद के रूप में गवाही दी। उसने कहा कि दरोगा ने कमरे में ही अपनी पिस्टल को चेक किया, जिससे चली गोली से महिला जख्मी हो गई।
गोली चलते ही दरोगा और मुंशी भागे
इस घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज सार्वजनिक की है। जिसमें महिला व उसका बेटा मुंशियाने में दरवाजे की साइड खड़े हैं। दरोगा मुंशियाने में अंदर की ओर है और मुंशी अपनी कुर्सी की साइड मालखाने की तरफ मौजूद है। एक युवक हिरासत में मुंशियाने में बैठा है। तभी मुंशी सर्विस पिस्टल मालखाने से निकालकर दरोगा को देता है। दरोगा उसे चेक करते हुए फायर करता है और गोली चलती है। इस दौरान महिला के गिरने की आवाज होती है। बस इस आवास पर सबसे पहले उसका बेटा तेज कदमों से बाहर निकलता है। इसके बाद दरोगा व मुंशी भी बाहर की ओर भागते हुए सीसीटीवी में साफ कैद हुए हैं। किसी ने यह देखने या समझने की कोशिश नहीं की कि क्या हुआ है।
ये है पासपोर्ट सत्यापन-शस्त्र जांच के नियम
पुलिस स्तर पर पासपोर्ट जांच व शस्त्र जांच के नियम की अगर बात करें तो इस पूरे मामले में पुलिस सवालों में घिर गई है। सबसे पहला सवाल है कि ऑनलाइन पासपोर्ट आवेदन होता है। जो जांच के लिए पुलिस के पास पहुंचना है। जिसमें पुलिस पता व आपराधिक रिकार्ड सत्यापन के नाम पर आवेदक के घर पहुंचती है। मगर, इस मामले में महिला को थाने बुलाया गया। दूसरा शस्त्र जांच की अगर बात करें तो जब भी कोई पुलिसकर्मी अपना हथियार मालखाने में जमा कराता है तो हथियार व कारतूस निकालकर देता है। उसे मुंशी भी अलग अलग रखता है। वापस पुलिसकर्मी को देते समय भी अलग अलग ही सौंपता है। इस घटना में लोडेड पिस्टल मुंशी द्वारा दरोगा को सौंपी गई। नियमानुसार उसे कमरे से बाहर आकर खुले आसमान में चेक करना था। मगर दरोगा ने उसे कमरे के अंदर ही ट्रिगर दबाकर चेक किया गया।
ये भी पुलिस के फंसने के दो प्रमुख कारण
सबसे पहले तो एक ऑडियो पीड़ित परिवार की ओर से अधिकारियों को सुनाई गई। जिसमें एक कॉल कोतवाली से महिला के मोबाइल पर बृहस्पतिवार को की गई। जिसमें महिला को पासपोर्ट सत्यापन के लिए थाने आने के लिए कहा गया है। महिला ने कहा है कि वह अपनी बेटी के पास बाहर आई है। कल शुक्रवार को आएगी। दूसरा मुंशी ने लोडेड पिस्टल क्यों दरोगा को दी।
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ये मिल रहे आरोपियों की ओर से जवाब
इस मामले में घटना के बाद आरोपियों से जब पूछताछ की गई तो घटना के समय मौके पर मौजूद मुंशी सुदीप का कहना है कि यह आवाज उसकी नहीं है, बल्कि उसके साथी मुंशी प्रदीप की है। दोनों एक दूसरे पर टाल रहे हैं। वहीं जिस दरोगा का ये हल्का नहीं है, उसके सामने घटना होने के सवाल पर कह रहे हैं कि दरोगा तो अपनी पिस्टल लेने आए थे। उन्हें लोडेड पिस्टल देने के सवाल पर दोनों मुंशी चुप्पी साध जा रहे हैं।
घटना में मजिस्ट्रेटी जांच की संस्तुति
इस मामले में पुलिस पर आरोपों को ध्यान में रखकर एसएसपी कलानिधि नैथानी के स्तर से डीएम को पत्र लिखा गया है। जिसमें पूरे घटनाक्रम में मजिस्ट्रेटी जांच कराने की संस्तुति की गई है। कहा गया है कि वे इस मामले में मजिस्ट्रेट नियत कर जांच कराएं।
दरोगा को टोका, जब मां को गोली लगी तो दौड़ा बेटा
इस घटना में सबसे खास बात ये रही कि मां-बेटे दोनों साथ पहुंचे। हालांकि 7 दिसंबर को ही महिला के पास फोन पहुंचा। उस समय वह बड़ी बेटी के घर जमालपुर गई हुई थी। उसने 8 दिसंबर को आने को कहा। इस पर वह सुबह पहले अपने घर गई। वहां से बेटे को लेकर कोतवाली पहुंची। मुंशियाने में बेटा व मां आगे पीछे खड़े थे। जब दरोगा अपनी सर्विस पिस्टल को चेक करने लगा तो बेटे ईशान ने यह कहा कि आप ये क्या कर रहे हैं? बाहर जाकर पिस्टल चेक करें। इस पर दरोगा ने उसकी बात को नजरंदाज कर दिया। अचानक गोली चल गई।
इस पर बेटे को पहले तो कुछ पल अहसास नहीं हुआ। मगर जब मां के गिरने की आवाज हुई तो बेटे को मां के गोली लगने का अहसास हुआ और वह बदहवास सा इधर उधर दौडऩे लगा। उसकी आंखों के सामने आरोपी थाने में ही गायब हो गया। इधर, जब बेटी को खबर लगी और वह मौके पर पहुंची तो उसने पहले मां से पासपोर्ट सत्यापन के नाम पर रुपये मांगने का आरोप लगा दिया। यहां तक कह दिया कि रुपये न देने पर मां को दरोगा ने गोली मारी है। मगर जब सीसीटीवी साक्ष्य व बेटे और एक अन्य अपराधी के बयानों से तस्वीर साफ हुई तो बेटी सहित सभी परिजन शांत हो गए।
कुछ दिन पहले गाली देने का वीडियो हुआ था वायरल
जिस दरोगा के हाथ से चली गोली महिला के लगी है। पिछले दिनों इसी दरोगा का भुजपुरा क्षेत्र में गाली देने का वीडियो भी वायरल हुआ था। दरोगा पर आरोप था कि रास्ते के विवाद में इसने कुछ लोगों को जमकर गालियां दी हैं। यह सीसीटीवी कैद हुआ और उसका वीडियो वयरल हुआ है।
#Aligarh-शुद्ध संस्कारी दरोगा जी के रथ को रास्ता न मिल पाने की स्थिति मे राहगीरों को संस्कारी भाषा मे समझाते हुए,वीडियो CCTV मे कैद, अलीगढ़ की भुजपुरा चौकी के प्रभारी हैं दरोगा जी pic.twitter.com/3bZ4EzJhuY
— समाचार दर्पण लाइव ✵ (@Desk_SDLIVE) November 3, 2023