यूपी : कुर्बानी के लिए आए 150 बकरों को खरीद कर बचाई जान, जैन समुदाय की इस बकराशाला में संरक्षित हैं 450 बकरे

SDLive News
एक तरफ जहां बकरीद पर बकरों की बलि दी जा रही हैं, वहीं उत्तर प्रदेश के बागपत से इसके उलट खबर सामने आई हैं. यहां जैन समाज के लोगों ने बकरों को बलि से बचाने के लिए बकराशाला खोल दी हैं और इस बार उन्होंने 150 से ज्यादा बकरो को मार्केट से खरीदकर संरक्षित करते हुए उन्हें बलि चढ़ने से बचाया.
बागपत की इस बकराशाला में अब 450 के करीब बकरे संरक्षित हो गए हैं, जिनका खाना पानी जैन समाज के लोगों के दान से चलता है. बकराशाला चला रहे लोगो ने बताया कि वो बकरों को बलि देने से तो किसी को नहीं रोक सकते, लेकिन हर साल वो कुछ बकरों का जीवन जरूर बचा लेते हैं. वो बकरों को खरीदकर उन्हें बकराशाला में संरक्षित कर रहे हैं.

दरअसल, अमीनगर सराय कस्बे में जैन समाज के लोगों द्वारा जीव दया संस्थान साल 2016 से चलाई जा रही है. इस संस्थान को खोलने का उद्देश्य बेजुबान जीवों की रक्षा करना है. ये संस्था हर साल बकरीद पर कुर्बानी के लिए आए जानवरों को खरीदकर उनकी जिंदगी की रक्षा करती है. इसके लिए उन्होंने यहा बकराशाला की स्थापना करवाई है. मिली जानकारी के मुताबिक, इस समय इस बकराशाला में 450 बकरे मौजूद हैं. बताया जा रहा है कि कुर्बानी के लिए आए इन बकरों को जैन समाज के लोगों ने ज्यादा दाम देकर खरीदा है और उनकी जान बचाकर इन्हें बकराशाला में रख दिया है. यहां बकरों के खाने-पीने और उनके इलाज की भी व्यवस्था रहती है.

संस्थान के सदस्यों का दावा है कि यह बकराशाला देश की पहली बकराशाला है. इसका लक्ष्य जानवरों और पशुओं की रक्षा करना है. संस्था के अनुसार, आने वाले दिनों में संस्था पक्षियों के लिए भी 45 मंजिला ऊंचा टावर बनाने जा रही है, जिसमें पक्षी भी अपना निवास बनाकर रह सकेंगे. संस्था द्वारा बताया गया है कि इस बकराशाला के लिए उन्हें पश्चिम यूपी के कई जैन परिवारों से आर्थिक सहायता मिलती है.
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