निखिल शर्मा
संभल में दरोगा धर्मेंद्र सिंह तोमर को एंटी करप्शन की टीम ने रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ दबोचा है। मुकदमे में धारा हटाने के नाम पर 5000 की घूस ले रहे थे। रिश्वतखोर दरोगा के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए जेल भेजे जाने की तैयारी की जा रही है। मामला गुन्नौर तहसील के थाना जुनावई का है।
एंटी करप्शन टीम के प्रभारी विजय कुमार सिंह के नेतृत्व में टीम ने बुधवार को दरोगा धर्मेंद्र सिंह तोमर को 5000 की रिश्वत के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दरोगा अपराध नंबर 322 की विवेचना कर रहा था। जिसका मुकदमा 31 दिसंबर 2022 को सत्य प्रकाश आदि के खिलाफ दर्ज हुआ था। हालांकि मुकदमा दर्ज होने से पहले चौकी पर ही फैसला हो गया था। जिसके बाद सत्य प्रकाश 8 जनवरी को चौकी पर दरोगा से मिला था। तब दरोगा ने कहा था कि वह उस पर लगी धारा 452 को हटा देंगे, लेकिन उसके बदले में वह उन्हें 5000 रुपए देना होगा।
तबादला होने पर रिश्वत के लिए बनाया दबाव
इस बीच दरोगा का तबादला थाना बनियाठेर में हो गया और 10 जनवरी को वहां ज्वाइन भी कर लिया। दरोगा के द्वारा रिश्वत की मांग किए जाने के बाद सत्य प्रकाश एंटी करप्शन टीम से शिकायत की। आज टीम ने थाना जुनावई क्षेत्र में डॉक्टर तोमर के क्लीनिक के पास दरोगा को 5000 की रिश्वत के साथ गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तारी के दौरान संभल का रिश्वतखोर दरोगा एंटी करप्शन टीम के आगे गिड़गिड़ाता रहा, लेकिन टीम उसे घसीटते हुए कोतवाली गुन्नौर ले आई। जहां रिश्वतखोर दरोगा के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।
धारा 452 हटाने के लिए रिश्वत की मांग
एंटी करप्शन टीम प्रभारी विजय कुमार सिंह ने बताया कि थाना जुनावई में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर धर्मेंद्र सिंह तोमर अपराध नंबर 322 की इन्वेस्टिगेशन कर रहे थे। जिसमें धारा 452 को हटाने के नाम पर 5000 की मांग की थी। एंटी करप्शन की टीम ने 5000 की रिश्वत लेते रंगे हाथों दबोच लिया।
15 दिन पहले कानूनगो हुआ था गिरफ्तार
संभल में 15 दिन के भीतर एंटी करप्शन टीम की यह दूसरी कार्रवाई है। इससे पहले गुन्नौर तहसील में तैनात एक कानूनगो शिवदयाल को 10000 की रिश्वत के साथ एंटी करप्शन टीम ने गिरफ्तार किया था।