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कानपुर नगर निगम में लगे शहीद मेजर सलमान गेट को उतारकर जमीन पर फेंक दिया गया। नगर निगम मुख्यालय के द्वार का नामकरण शहीद मेजर सलमान के नाम पर रखा गया था। लेकिन, सुंदरीकरण के बाद इस बोर्ड को पार्क में फेंक दिया गया। वहीं नया गेट तैयार होने के बाद भी कहीं मेजर सलमान का नाम तक नहीं लिखा गया।
सपा विधायक बोले- मजहब के नाम पर अपमान
इस मामले में अब विरोध शुरू हो गया है। सपा विधायक अमिताभ बाजपेयी ने इस मुद्दे को उठाते हुए आरोप लगाया कि मजहब के नाम पर यह शहीद का अपमान है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। वहीं, नगर निगम ने अपनी सफाई में कहा कि यह टिन का गेट था जिसे बदला जाना है। इसलिए इसे उतारा गया है।
नगर निगम का नया गेट बनकर तैयार है, लेकिन शहीद का नाम कहीं भी नहीं लिखा गया है। |
डीएम से करेंगे शिकायत
समाज सेवक मोहम्मद अकील शानू ने कहा कि नगर निगम मुख्यालय पर लगा मेजर सलमान द्वार हटाना गलत है। शहीद के साथ घोर अपमान किया गया है। इसके खिलाफ डीएम से शिकायत की जाएगी। वहीं सपा विधायक ने कहा कि शहीदों का अपमान किया तो आंदोलन करेंगे। नफरत की मानसिकता शहीदों में न लाएं।
जानिए! कौन थे मेजर सलमान अहमद खान
मेजर सलमान अहमद खान किदवई नगर के रहने वाले थे। उनका जन्म 22 अक्टूबर 1978 में हुआ। उन्होंने कारगिल युद्ध में 80 आतंकियों को मार गिराया था। वर्ष 2005 में जम्मू कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के एक गांव में एक आतंकी को ढेर किया। दूसरे आतंकी के भागने पर उसका पीछा करने लगे।
एक घर में आतंकी के छिपे होने की सूचना मिली, लेकिन वहां से स्वचालित हथियारों से उन पर हुई गोलीबारी से 5 मई 2005 को वह घायल हो गए। इसके बाद भी उन्होंने घर पर हथगोले फेंक कर दूसरे आतंकी को भी मार दिया। 7 मई 2005 को वह वीरगति को प्राप्त हुए। साल 2006 में मरणोपरान्त मेजर सलमान को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया था। उनकी याद में नगर निगम के मुख्य द्वार का नाम मेजर सलमान द्वार रखा गया है।
पार्क में पड़ा शहीद मेजर सलमान के नाम का बोर्ड |
सुंदरीकरण के नाम पर घोर लापरवाही
स्मार्ट सिटी के तहत बिल्डिंग के रेनोवेशन का काम किया जा रहा है। मुख्य द्वार के रेनोवेशन का नाम भी पूरा हो गया है। मामला उठने के बाद अफसर अब 3 दिन में नाम लिखवाने की बात कह रहे हैं। स्मार्ट सिटी नोडल अधिकारी आरके सिंह ने सफाई देते हुए कहा कि नया बोर्ड बनवाया जा रहा है।