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कानपुर में अग्निवीर भर्ती में सेंध लगाने की पहली बड़ी कोशिश सामने आई है। भर्ती में अलीगढ़ निवासी आबिद नाम का युवक पकड़ा गया, जो आकाश के नाम से दस्तावेज लेकर पहुंचा था। आधारकार्ड की जांच में वह दबोच लिया गया। सेना ने उसे पुलिस को सौंप दिया है। गिरफ्तारी के बाद पूछताछ में पता चला है कि आबिद ने भर्ती के लिए दोस्त आकाश के दस्तावेज लगाए और हर जगह आकाश की जगह अपनी फोटो लगा ली। पुलिस देश की सुरक्षा में सेंध की कोशिश के एंगल पर भी जांच कर रही है।
पुलिस के मुताबिक अग्निवीर भर्ती में आकाश के नाम से फार्म भरने वाले युवक के दस्तावेज चेक करते वक्त सेना के अफसरों को संदेह हुआ। आधार कार्ड की जांच की तो खेल खुल गया। आधार पर जो नंबर था वह अलीगढ़ निवासी आकाश के नाम पर जारी था लेकिन उसमें जो फोटो था, वह भर्ती में आए आकाश से भिन्न पाया गया। इस पर सैन्य अफसरों ने पूछताछ की तो युवक ने अपना नाम आबिद खान पुत्र अनीस, निवासी दूधना पाली, मुकीमपुर, अतरौली बताया। सेना ने पुलिस को सूचना दी।
दोस्त के आधार कार्ड पर लगा ली अपनी फोटो
पुलिस ने गिरफ्तार कर पूछताछ की तो आबिद ने बताया कि उसकी उम्र ज्यादा हो गई है, इसलिए भर्ती में शामिल होने के लिए उसने आकाश पाल पुत्र प्रेम पाल के प्रपत्र लगाए थे। आकाश के आधार कार्ड में उसने एडिटिंग सॉफटवेयर के जरिए अपनी फोटो लगा ली और पता अमौर नर्वल, जिला कानपुर दर्ज कर लिया। उसने तहसील से निवास प्रमाणपत्र भी बनवा लिया। उसने आधार कार्ड का नम्बर नहीं बदला।
सैन्य अधिकारियों ने जैसे ही डाटाबेस में आधार कार्ड नम्बर डाला तो फोटो और पता दोनों गलत मिला। कर्नल डायरेक्टर रिक्रूटिंग एचक्यू लखनऊ की तहरीर पर पुलिस ने आबिद खान के खिलाफ धारा 419 (प्रतिरूपण द्वारा छल करना), 420 (धोखाधड़ी), 467, 468 और 471(फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाना और उनका प्रयोग करना) में एफआईआर दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है।
दोनों दोस्त अलीगढ़ के निवासी
आबिद ने पुलिस को बताया कि उसकी उम्र ज्यादा हो गई थी। अलीगढ़ में आकाश पाल उसका मित्र भी है और पड़ोसी भी। उसी से बातचीत करने के बाद उसके प्रपत्रों पर वह सेना में भर्ती होने आ गया था। उसने नर्वल तहसील से एक निवास प्रमाण पत्र भी बनवा लिया। इसमें जारी करने की तिथि 13 जुलाई 2022 दर्ज है। नाम आकाश कुमार, पिता का नाम प्रेमपाल सिंह और मां का नाम अंजू देवी लिखा है।
तत्कालीन एसडीएम रिजवाना शाहिद के नाम की मोहर और हस्ताक्षर मौजूद है। इस प्रमाण पत्र पर संख्या 34420.....490 दर्ज है। वहीं जब इस संख्या से नर्वल तहसील से ऑनलाइन दस्तावेज को देखा गया तो पता चला कि इस नाम से प्रमाण पत्र 2021 में जारी कर दिया गया था। उसमें भी साल को लेकर आबिद ने हेरफेर की।
डीसीपी साउथ प्रमोद कुमार के अनुसार आरोपित को गिरफ्तार कर लिया गया है। उसने सेना में भर्ती होने के लिए ऐसा क्यों किया इसके बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। साथ ही यह भी पता किया जा रहा है कि जब वह यहां रहता ही नहीं था, तो तहसील से उसका निवास प्रमाण पत्र जारी कैसे किया गया।