अभिषेक चौधरी( ब्यूरो अलीगढ़)
आइजीआरएस के शिकायत निस्तारण में अतरौली तहसील जिले में सबसे फिसड्डी है। अक्टूबर की रैंकिंग में प्रदेश भर की 350 तहसीलों में अतरौली को 345वां स्थान मिला है। खैर को 229, गभाना को 239, इगलास को 294 व कोल को 319वीं रैकिंग मिली है। शुक्रवार को कलक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने इस पर कड़ी नाराजगी जताई। अतरौली एसडीएम को कार्यशैली में सुधार के निर्देश दिए हैं। एडीएम स्तर के अफसरों को भी लापरवाही पर एसडीएम व तहसीलदार के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया है।
आइजीआरएस में लापरवाही बरती तो होगी कार्रवाई
सितंबर में आइजीआरएस की रैंकिंग में जिले का स्थान 59वें नंवर पर था। अक्टूबर की रैकिंग में 37वां स्थान मिला है। डीएम के प्रयास हैं कि जिले को और बेहतर स्थान मिले। इसको लेकर शुक्रवार को आइजीआरएस की बैठक की। डीएम ने कहा कि आइजीआरएस शिकायत निस्तारण में लापरवाही नहीं होनी चाहिए। नोडल अधिकारी विवेक चतुर्वेदी लापरवाह अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करें। शिकायतों का गुणवत्ता परख निस्तारण सरकार की प्राथमिकता में शामिल हैं। आइजीआरएस में पंचायती राज की हालत अधिक खराब
डीएम ने अफसरों को नसीहत दी कि आइजीआरएस के शासनादेश को बारीकी से पढ़ें। हर दिन 10 मिनट पोर्टल को जरूर खोलें। नगर निगम, पंचायती राज विभाग का हालात अधिक खराब हैं। इनकी कार्यशैली में सुधार नहीं हुआ तो रैंकिंग फिर नीचे गिरेगी। एडीएम सिटी ने बताया कि अक्टूबर में 213 असंतोषजनक फीडबैक प्राप्त हुए। 18 नवंबर तक सीएम हेल्पलाइन के 2325 फीडबैक के सापेक्ष प्रथम असंतुष्ट 143 और द्वितीय असंतुष्ट 10 फीडबैक प्राप्त हुए हैं।
आइजीआरएस की शिकायतों में 1169 फीडबैक के सापेक्ष 787 असंतुष्ट फीडबैक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने बताया कि अक्टूबर में उच्चाधिकारियों द्वारा 388 संदर्भ श्रेणीकृत किए गए हैं। इसके सापेक्ष 14 संदर्भ सी श्रेणी के प्राप्त हुए। उन्होंने बताया कि प्रतिमाह औसत डिफाल्टर सन्दर्भों की संख्या 7915 है। यह बेहद खराब है।