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रिश्वत में 50 हजार रुपये लेकर मुकदमे से जानलेवा हमला और गर्भपात की धारा हटाने का आरोपी थाना एत्माद्दौला का दरोगा मनवीर सिंह भूमिगत हो गया है। थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज होने के बाद दरोगा की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी। वह घर में नहीं मिला। उसके रिश्तेदारी में छिपे होने की आशंका है। एसएसपी प्रभाकर चौधरी ने शुक्रवार को आरोपी की जल्द गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। उधर, मुकदमे में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा भी लगाई जाएगी। इसके लिए आईजी से अनुमति लेने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है।
ये है मामला
कालिंदी विहार निवासी खुशबू ने 3 अगस्त को थाना एत्माद्दौला में मुकदमा दर्ज कराया था। इसमें मथुरा के औरंगाबाद स्थित नरसीपुरम निवासी पति संजय, ससुर रनवीर और सास शिवकुमारी को नामजद किया था। मुकदमे में दहेज उत्पीड़न, जानलेवा हमला, आपराधिक साजिश और गर्भपात कराने की धारा लगी थीं। विवेचना एसआई मनवीर सिंह कर रहे थे। आरोप है कि विवेचक ने 50 हजार रुपये लेकर जानलेवा हमला, गर्भपात कराने और आपराधिक साजिश की धारा हटाकर धारा 498ए, 506, 3/4 दहेज प्रतिषेध अधिनियम में 16 अक्तूबर को चार्जशीट लगा दी।
मामले में शिकायत मिलने पर एसएसपी ने जांच कराई। इसके बाद दरोगा मनवीर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें चौथ मांगने, गालीगलौज और जान से मारने की धमकी देने का आरोप है। एसएसपी ने शुक्रवार को दरोगा की गिरफ्तारी के निर्देश दिए। इस पर पुलिस ने दरोगा के आवास पर दबिश दी, लेकिन वो नहीं मिला। इसके बाद पुलिस दरोगा के रिश्तेदार और अन्य लोगों के बारे में पता कर रही है। दरोगा छह दिन से थाने से अनुपस्थित चल रहे हैं।
मंदिर विवाद में भी पक्षपात का आरोप
दरोगा मनवीर सिंह की एक और मामले में शिकायत की गई है। एक मंदिर कमेटी के पदाधिकारी शुक्रवार को सीओ छत्ता से मिले। उन्होेंने आरोप लगाया कि मंदिर कमेटी का विवाद चल रहा है। दो अक्तूबर को दरोगा के सामने पदाधिकारियों पर हमला बोला गया। मामले में तहरीर देने के बाद भी मुकदमा दर्ज नहीं किया। दरोगा पर दूसरे पक्ष से मिलीभगत का आरोप लगाया। इस पर कार्रवाई की मांग की है।
पूर्व में वसूली पर बचे थे दरोगा और सिपाही
हाथरस के सादाबाद स्थित बिसावर निवासी चांदी कारीगर विपिन कुमार और उसके भाई धर्मेंद्र को सात जून को पुलिस ने टेढ़ी बगिया पर रोक लिया था। फाउंड्री नगर चौकी पर ले जाकर एनकाउंटर की धमकी दी गई थी। आरोप लगा था कि 74 हजार रुपये, 350 ग्राम चांदी लेने के बाद छोड़ा गया था। पीड़ित कारीगर ने तत्कालीन एसएसपी सुधीर कुमार सिंह से शिकायत की थी। उन्होंने चौकी प्रभारी नीलकमल, सिपाही कपिल और आशीष नेहरा को निलंबित कर दिया था। जांच के आदेश किए थे। मगर, पीड़ित बयान देने नहीं आया। मामला ठंडे बस्ते में चला गया। मुकदमा दर्ज नहीं हुआ था। दरोगा और सिपाही बच गए थे।