हरदुआगज : श्री गाँधी आश्रम हरदुआगज की जमीन को लीज पर देने के मामले में नई नई शाजिशों का खुलासा हो रहा है। इस सार्वजनिक जमीन को महज दो करोड़ दो लाख रुपये में लीज पर देने के पीछे की बजह को लीजकर्ता आश्रम के हित में बताकर सहानभूति लेना चाहते है। लेकिन सच्चाई लीज में लिखी गयी शर्तो से साफ हो रही है।
ब्यूरो डेस्क, अलीगढ़
इस बेसकीमती जगह की लीज बसपा नेता औऱ चेयरमैन तिलक राज यादव के बेटे को देने के पीछे श्री गांधी आश्रम के क्षेत्रीय मंत्री संतोष कुमार मिश्रा की बड़ी शाजिश है। ज़मीन को बिना किसी अधिकार के लीज पर देना औऱ बिना कमेटी में प्रस्ताव पास औऱ अनुमोदन के ही लीज लेने वाले से भुगतान प्राप्त कर लेना विधिक रूप से गलत है।
असल मे किसी सार्वजनिक उद्देश्य से किसी संस्थान के पास जो अचल संम्पत्ति हो उसे अब बिना किसी सक्षम न्यायालय की अनुमति के बिना न तो क्रय किया जा सकता है और न ही उसे पट्टे पर दिया जा सकता है। लेकिन इस प्रकरण में न सिर्फ इन नियमों की धज्जियां क्षेत्रीय मंत्री संतोष कुमार मिश्रा ने उड़ाई बल्कि यह भी तथ्य छिपाया कि श्री गांधीआश्रम हरदुआगज की तीन सम्मतियों में कुछ रकवा नॉन जेड ए श्रेणी की जमीन का भी है।
जिसे भी लीज पर दे दिया। जबकि एक भाग मुंबई में गिरवी रखा है। जिससे दस्तावेज मुम्बई मुख्यालय में जमा है। यह सब जानते हुए कि खुद क्षेत्रीय मंत्री संतोष कुमार मिश्रा इस सम्पत्ति को लीज पर देने के लिए विधिक रूप से अधिकृत नही है फिर भी अन्य पदाधिकारीयो को बिना विश्वास में लिए एक व्यक्ति विशेष को लाभ पहुचाने के उद्देश्य से नियमविरुद्ध अकेले की ज़मीन लीज पर दे दी।
जबकि क्षेत्रीय मंत्री संतोष कुमार मिश्रा ने लीज को आश्रम के हित में बताया है। हरदुआगंज कस्बे में स्थित श्री गांधी खादी आश्रम की संतोष कुमार मिश्रा ने लीज को विधि सम्मत ठहराते हुए इसे आश्रम के हित में बताया है। तथा ब्याज देने को आदेशित जमा करनी अनिवार्य थी। बाकी द्वारा दी गई दो करोड़ दो लाख की के बेटे लोरिक राज यादव को करने का प्रस्ताव दिया।
इसमें भी दस फीसदी रकम 31 मार्च तक जमा करा दिए। 30 जून तक बाकी रुपया भी लोन खाते में जमा कर संस्था की जमीन को कर्जमुक्त करा दिया। एनओसी 29 साल के लिए लीज पर दिया प्रदान करेगी। है। जिसके एवज में तिलकराज रकम तीन माह ने देनी थी। संस्था मूल रकम को ही वापस कर संस्था ने करीब 3600 वर्ग गज तिलकराज यादव ने 21 लाख को बचाने की जद्दोजहद नहीं संजीव ओझा कर रहे हैं।