ब्यूरो ललित चौधरी
अमरनाथ में बादल फटने की घटना से उत्तर प्रदेश के कई जिलों के श्रद्धालु फंसे हैं। यूपी के कई जिलों से बाबा अमरनाथ के दर्शन करने गए श्रद्धालु वहां पर बादल फटने की घटना से फंसे हुए है। अमरनाथ में कुछ परिवार ऐसे है जिनके परिजनों से संपर्क नही हो पा रहा है, ऐसे में परिवारों में कोहराम मचा हुआ है।
बता दें कि यूपी के कई जिलों से बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए हजारों श्रद्धालुओं का ग्रुप गया हुआ है.अमरनाथ में लगातार एनडीआरएफ और मिलिट्री फोर्स रैस्क्यू कर रही है।
इन जिलों के फंसे श्रद्धालु
अमरनाथ दर्शन करने गए श्रद्धालुओं में इटावा जिले के 5 लोग शामिल हैं. वहीं कानपुर और झांसी के भी श्रद्धालु फंसे हुए है. हालांकि अभी संख्या साफ नहीं हुई है. इनके परिजन पुलिस के अधिकारियों से गुहार लगाने के लिए पहुंचे हैं. कानपुर के अब तक 7 लोग और झांसी के 3 लोगो के फंसे होने की सूचना सामने निकल कर आई है. हालांकि अमरनाथ बाबा के दर्शन करने जाने वालों की संख्या अधिक है।
बुलंदशहर के 50 श्रद्धालु फंसे
बता दें कि अमरनाथ बाबा के दर्शन करने गए बुलंदशहर जिले के 50 से अधिक यात्री अभी अमरनाथ यात्रा में फंसे हुए हैं. करीब 150 श्रद्धालुओं के तीन अलग-अलग ग्रुप बाबा अमरनाथ के दर्शन करने के लिए गए थे. 100 श्रदालुओं ने बृहस्पतिवार तक बाबा के दर्शन कर लिए थे. बाकी 50 श्रद्धालु यात्रा पर है।
बादल फटने से परिजन परेशान
इटावा में 2 जून को 66 श्रद्धालुओं का ग्रुप अमरनाथ गया था. उसके पांच लोग ऊपर ही फंसे हुये हैं. बादल फटने की जानकारी मिलने के बाद से इनके परिवार वाले खासे परेशान हैं. दर्शनार्थियों को ले जाने वाले अमरनाथ बर्फानी सेवा मंडल के अध्यक्ष ओमरतन कश्यप ने बताया कि वह 66 श्रद्धालुओं का दूसरा जत्था लेकर यहां से रवाना हुये थें. 61 श्रद्धालु दर्शन करके शुक्रवार की सुबह बालटाल पहुंच गये हैं, जबकि पांच श्रद्धालु भाजपा नेता गजेंद्र मिश्रा, उनकी पत्नी सुप्रिया मिश्रा, लखना के रहने वाले बीनू दुबे, शहर के रामचंद्र व सुशीला देवी ऊपर ही फंसे हैं. उन्होंने बताया कि घबराने की जरूरत नहीं हैं, ये पांचों लोग सुरक्षित हैं।
प्रशासन कर रहा संपर्क का प्रयास
कानपुर पुलिस कमिश्नर विजय सिंह मीणा का कहना है कि घटना के बाद जिन परिवारों का संपर्क उनके परिजनों से नहीं हो पा रहा है, उनसे बातचीत करने की कोशिश कर रहे हैं. अभी तक झांसी, कानपुर, इटावा और आस-पास के जिलों से कुछ मामले आए हैं. बाकी दर्शन के लिए गए लोग सुऱक्षित हैं।