ब्यूरो ललित चौधरी
यूपी/बुलंदशहर। उद्योगपति अनिल, उनकी पत्नी टीना सहित परिवार व कंपनी से जुड़े लोगों के खिलाफ बुलंदशहर के जहांगीराबाद थाने में एक लाख 50 हजार करो़ड़ रुपये घपले का आरोप लगाते हुए दर्ज कराए गए केस की जांच सीबीआइ से कराने की मांग को लेकर आपराधिक याचिका दायर की गई है।
ऐ डी जे बुलन्दशहर के आदेश पर 16 मई को जनपद के जहांगीराबाद थाने में एफ़ आर दर्ज करने के आदेश दिया गया था।
नोएडा निवासी स्वतंत्र पत्रकार पवन कुमार की याचिका पर इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति डा. कौशल जयेंद्र ठाकर व न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ के समक्ष याचिका लगी थी, लेकिन कल समयाभाव के कारण याचिका पर नहीं हो सकी सुनवाई। वहीं, मामले की सुनवाई 29 जून को सुनाई की जाएगी।
इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ. कौशल जयेंद्र ठाकर तथा न्यायमूर्ति गौतम चौधरी की खंडपीठ के समक्ष स्वतंत्र पत्रकार पवन कुमार की याचिका की सुनवाई होनी थी, लेकिन समयाभाव के कारण नहीं हो सकी। याची का कहना है कि इस मामले में विजय माल्या से दस गुना अधिक गंभीर धोखाधड़ी की गई है। सेबी ने जांच की और रिलायंस होम फाइनेंस कंपनी को फ्रॉड घोषित किया है।
कंपनी पर बैंकों व लेनदारों के डेढ़ लाख करोड़ रुपये के घपले का आरोप लगाया गया है। याची का कहना है कि स्थानीय पुलिस सही विवेचना नहीं कर सकती। इसलिए केस सीबीआई को स्थानांतरित किया जाए। याचिका में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को भी पक्षकार बनाया गया है। याची की अर्जी पर एसीजेएम बुलंदशहर के आदेश पर एफ आईआर दर्ज की गई है।