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यूपी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आज यूपी के लिए साल 2022-23 का बजट पेश किया. 6.15 लाख करोड़ के बजट को यूपी के इतिहास का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है. सरकार ने किसानों, महिलाओं, विद्यार्थियों और इंडस्ट्री सेक्टर, सभी के लिए इस बजट में प्रावधान किया है. इसके अलावा ग्रामीण विकास पर भी सरकार का जोर है. आइए देखें बजट की प्रमुख बातें...
उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के अपने दूसरे कार्यकाल का पहला बजट यूपी विधानसभा में पेश किया. वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिये छह लाख 15 हजार 518 करोड़ रुपये का यह बजट प्रदेश का अब तक का सबसे बड़ा बजट है. बजट में शिक्षा पर खास फोकस किया गया है. सरकार ने पांच साल में 2 करोड़ फोन और टैबलेट बांटने के लक्ष्य के साथ तमाम योजनाओं का जिक्र किया है।
यूपी के बजट में प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना के लिए 897 करोड़, मेरठ-प्रयागराज गंगा एक्सप्रेसवे के लिए 695 करोड़ समेत इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए कई बड़े प्रावधान किए गए हैं।
गन्ना किसानों के लिए यूपी सरकार ने खास प्रावधान किया है. इसके अलावा कान्हा गौशाला और बेसहारा पशुओं के लिए भी बजट रखा है. वहीं, दुग्ध उत्पादन के लिए बड़े इंतजाम किए गए हैं।
यूपी सरकार के बजट में मुख्यमंत्री लघु सिंचाई योजना के लिये 1000 करोड़ रुपये के अलावा 15,000 सोलर पम्पों की स्थापना, 60.20 लाख क्विन्टल बीजों का वितरण समेत कई योजनाएं प्रस्तावित हैं।
यूपी सरकार ने बजट में युवाओं को नौकरी देने के लिए भी बड़ा लक्ष्य रखा है।
महिला उत्थान के लिये सूक्ष्म एवं लघु उद्योग क्षेत्र में मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत महिलाओं की सुरक्षा एवं सशक्तिकरण तथा कौशल विकास के लिए 20 करोड़ रुपये का प्रावधान प्रस्तावित है. यही नहीं, स्वामी विवेकानन्द युवा सशक्तिकरण योजना के तहत 2022-2023 के लिए 1500 करोड़ रुपये की बजटीय व्यवस्था प्रस्तावित है।
यूपी के बजट में वाराणसी में अन्तरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम की स्थापना के लिए जमीन खरीदने के वास्ते 95 करोड़ रुपये की व्यवस्था प्रस्तावित है। खेल के विकास एवं उत्कृष्ट कोटि के खिलाड़ी तैयार करने के लिये मेरठ में मेजर ध्यानचन्द खेल विश्वविद्यालय के निर्माण पर 700 करोड़ रुपये की धनराशि व्यय की जाएगी।
यूपी की योगी सरकार ने पर्यटन के लिए बजट में खास प्रावधान किए हैं, इस दौरान वाराणसी के साथ अयोध्या और गोरखपुर पर खास ध्यान रखा गया है।
इसके अलावा बजट में सरकार के विभिन्न विभागों की आवश्यकताओं और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए प्रावधान किये गये हैं. इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के लिए 705 करोड़, जजों के कोर्ट और आवास के लिए 600 करोड़ समेत कई चीजें शामिल हैं।