मिसाल। बुलंदशहर में तीन जिंदगी बचाने के लिए युवक ने छोड़ दी एमबीए की परीक्षा, एक महिला की मौत तीन घायल , रह गया एक ही अफसोस - अनुज चौधरी

 

रिपो० लाल सिंह

हादसे के बाद जब वहां मौजूद भीड़ वीडियो बनाने और फोटो खींचने में लगी थी तब एमबीए के एक छात्र अनुज चौधरी ने बाइक रोकी और सड़क से गुजर रहे वाहनों की मदद से घायल परिवार को सरकारी अस्पताल पहुंचाया, जिस कारण उसकी परीक्षा छूट गई।

बुलंदशहर। सिकंदराबाद में हादसे के बाद सड़क पर तड़प रहे परिवार को बचाने के लिए एमबीए के छात्र ने अर्थशास्त्र की परीक्षा छोड़ दी। खुर्जा रोड पर सुबह करीब 10ः15 बजे सड़क किनारे एक परिवार के चार लोग तड़प रहे थे। वहां मौजूद लोग उन्हें बचाने के बजाय वीडियो और फोटो खींच रहे थे।
इसी दौरान एमबीए का छात्र अनुज चौधरी दादरी के एक कॉलेज में परीक्षा देने के लिए जा रहा था। उसने बाइक रोकी और सड़क से गुजर रहे वाहनों की मदद से घायल परिवार को सरकारी अस्पताल लेकर गया। जहां एक महिला की मौत हो गई और तीन घायलों का उपचार चल रहा है।

खुर्जा थाना क्षेत्र के गांव मैना मोजपुर निवासी नूर मोहम्मद ने बताया कि उसकी पत्नी फरजाना 30 वर्ष का दिल्ली में उपचार चल रहा है। बुधवार को वह पत्नी फरजाना को उपचार के लिए बाइक से दिल्ली लेकर जा रहा था। उनके साथ अरीबा और अयान दोनों बच्चे भी थे। जब वह सिकंदराबाद क्षेत्र में खुर्जा रोड पर ग्रीन गार्डन के पास पहुंचे तो पीछे से आ रहे वाहन ने उन्हें टक्कर मार दी।

वह सड़क किनारे जा गिरे और गंभीर रूप से घायल हो गए। हादसे के बाद लोगों की मौके पर भीड़ जमा हो गई। वहां मौजूद लोग उनका उपचार कराने की बजाय वीडियो बनाने लगे। कोई मदद के लिए आगे नहीं आया। इसी दौरान क्षेत्र के गांव प्रानगढ़ निवासी अनुज चौधरी पुत्र संदीप चौधरी दादरी के एक कॉलेज में एमबीए की परीक्षा देने के लिए जा रहा था। उसने वहां से लोगों को हटाकर वाहन रोकने शुरू कर दिए।

वाहनों की मदद से चारों को सरकारी अस्पताल में ले जाया गया। इस प्रक्रिया में करीब 45 मिनट लग गए। उनकी 11 बजे से अर्थशास्त्र की परीक्षा थी। समय देखा तो परीक्षा छूट गई थी। अनुज ने बताया कि परीक्षा तो आगे भी दे सकते हैं, लेकिन किसी की जिंदगी बचाना बड़ी बात है। अनुज ने बताया कि उन्हें एक ही अफसोस है कि वह महिला की जान नहीं बचा पाए।


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