रिपो० रीशू कुमार
बुलन्दशहर। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पत्रकारों पर बढ़ते जुल्म सितम की घटनाओं से कलमकार कराह उठे हैं और पीड़ित पत्रकारों को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न संगठन से जुड़े पदाधिकारी सड़कों पर उतर आए है उत्तर प्रदेश के बलिया जनपद में नकल माफियाओं की पोल खोलने वाले पत्रकारों को गिरफ्तार कर जेल भेजने के प्रकरण में ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन बुलन्दशहर की ओर से जिलाधिकारी के द्बारा महामहीम राज्यपाल को ज्ञापन सौंपा गया।
इस दौरान जिले भर से आए सैकड़ों पत्रकारों ने ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के बैनर तले सभी पत्रकार बंधु एकजुटता का प्रदर्शन करते हुए काला आम चौराहे स्थित मलका पार्क पर इकट्ठे हुए हाथ पर काली पट्टी बांध कर वहां से पैदल मार्च करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे और महामहिम राज्यपाल को संबोधित सात सूत्रीय मांग पत्र जिलाधिकारी चन्द्र प्रकाश सिंह, को ज्ञापन सौंपा।
इस दौरान जिलाध्यक्ष ठा. विजय राघव, ने बलिया प्रकरण पर गहरी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि अब पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा बलिया में प्रशासन ने जो भी किया है वह काफी निंदनीय कार्य है वहां के जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक के विरुद्ध सरकार को कार्यवाही करनी चाहिए और यदि सरकार ऐसा नहीं करती तो समझा जाएगा कि सरकार ही मीडिया का दमन कर रही है उन्होंने आगे कहा उच्च अधिकारियों के ऐसे निर्देश है के पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज होने से पहले एक राजपत्रित अधिकारी से मामले की जांच कराई जाए परंतु ऐसा नहीं कराया जा रहा है।
संगठन के जिला उपाध्यक्ष सुरेन्द्र सिंह भाटी, ने कहा कि अब पूरे प्रदेश में आती हो गई है पत्रकारों की कलम को कुचला जा रहा है पत्रकार अगर किसी घटना को उजागर करता है तो उसके विरुद्ध प्रशासन की ओर से मुकदमा दर्ज करा दिया जाता है यह बहुत ही निंदनीय है बलिया में हुई घटना से पत्रकारों को सीख लेनी चाहिए और पूरे प्रदेश के पत्रकारों को चाहिए कि वह इकट्ठे हो और प्रशासन के द्वारा पत्रकारों पर जो मुकदमे लिखे जा रहे हैं। पत्रकार साथी उनका डटकर विरोध करें।
संगठन के महामंत्री योगेंद्र शर्मा, संजय गोयल, संगठन मंत्री अक्षय सिंह, ने सभी पत्रकारों से आवाहन किया कि अभी भी समय है सभी लोग इकट्ठे हो जाएं अन्यथा एक-एक करके पत्रकारों को बलिया की तरह मोहरा बनाया जाता रहेगा ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन द्वारा दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि बलिया में नकल माफियाओं के कृत्य की व्यापक जांच एवं पेपर लीक का खुलासा करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई के साथ पत्रकार अजीत ओझा दिग्विजय सिंह मनोज गुप्ता के विरुद्ध दर्ज मुकदमा तत्काल वापस लिया जाए।
बलिया जनपद के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक व अन्य अधिकारियों की भूमिका की न्यायिक जांच कराई जाए तथा प्रदेश में पत्रकार उत्पीड़न की घटनाओं पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाई जाए इसके अलावा विभिन्न समाचार पत्रों चैनलों मीडिया संस्थानों में कार्यरत पत्रकारों को शासन स्तर से सूचीबद्ध किया जाए।
उत्तर प्रदेश की प्रेस मान्यता नियमावली में संशोधन कर उसमें पत्रकारों की सुरक्षा के लिए उपलब्ध को शामिल किया जाए तथा प्रदेश में पत्रकार आयोग का गठन करके उसमें मान्यता प्राप्त सभी संगठनों को प्रतिनिधित्व दिया जाए उत्तर प्रदेश में किसी भी पत्रकार को किसी प्रकरण में कथित रूप से संलिप्त पाए जाने की दशा में तब तक गिरफ्तारी न की जाए जब तक पुलिस विभाग के एक राजपत्रित अधिकारी स्तर से इसकी जांच पूरी न करा ली जाए और वरिष्ठ पत्रकारों के संज्ञान में लाए बिना कोई कार्यवाही ना की जाए।
इस दौरान पूरे जनपद से आए पत्रकारों ने कहा अब पत्रकारिता करना बहुत ही दुष्कर हो गया है साथ ही प्रशासन को चेतावनी भी दी कि अब बुलन्दशहर में ऐसा नहीं चल पाएगा कि जब चाहे तब पत्रकारों पर मुकदमा दर्ज कर दिया जाए।
इस मोके पर संजय गोयल, योगेन्द्र शर्मा, डीके निगम, विकास त्यागी, नरेन्द्र राघव, दिनेश शर्मा, सचिन त्यागी, मुकुल शर्मा, परविन्द्र लोधी, जेपी गुप्ता, सुरेन्द्र मोहन गुप्ता, प्रदीप तोमर, कालू सिंह, काजल लोधी, जहीर खान, आकाश सक्सेना, दीपक शर्मा, सतीश कुमार, काजल सोलंकी, कपिल राघव, चक्रपाणि चक्र, संदीप तायल, अनिल लोधी, नीरज यादव, नितिन लोधी, अनुभव शर्मा, अरुण चौधरी, शैलेंद्र सिंह, दीपांशु गुप्ता, अदनान सिंह, इन्द्रपाल कौशिक, भानु प्रताप सिंह, अशोक पाठक, शिव कुमार शर्मा, सतीश कुमार, अजय शर्मा, नीरज सुदामा, के पी सिंह, सहित सैकड़ों पत्रकार मौजूद रहे।