रिपो० जोगेंद्र सागर
बुलंदशहर। बिजली निगम ने नोएडा में हुए 80 लाख के गबन के मामले में बुलंदशहर के चीफ इंजीनियर कार्यालय में अटैच हेड कैशियर गोविंद पाठक को बर्खास्त कर दिया है। गोविंद पाठक पहले नोएडा में तैनात थे। हालांकि गबन के इस मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं हुई थी।
मार्च 2021 में नोएडा के एक खंड में कैशियर ने उपभोक्ताओं से लिए गए 80 लाख रुपये के बिल सरकारी खाते में जमा नहीं किए थे। पहले तो अधिकारी इसे दबाते रहे, लेकिन जब मामला हाथ से निकला तो जनवरी 2022 में आरोपी कैशियर सतेंद्र प्रताप सिंह के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी।
हेड कैशियर गोविंद पाठक समेत अन्य कर्मचारी भी शक के घेरे में थे, लेकिन एफआईआर में केवल सतेंद्र प्रताप सिंह का नाम ही दर्ज कराया गया था। अब बिजली निगम के चेयरमैन एम देवराज ने गोविंद पाठक को बर्खास्त कर दिया है। इस कार्रवाई पर सवाल भी उठ रहे हैं। क्योंकि आरोपी कैशियर सतेंद्र प्रताप सिंह को सस्पेंड करने के अलावा अब तक उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
बिना सूचना अनुपस्थित मिलने पर किया गया था सस्पेंड
बर्खास्त किए गए कर्मचारी गोविंद पाठक ने बताया कि सितंबर 2021 में उन्हें एमडी ने सस्पेंड किया था। आरोप लगाया गया था कि वह बिना अनुमति कार्यालय से अनुपस्थित रहे थे।
गोविंद पाठक का कहना है कि उन्होंने छुट्टियों के लिए ऑनलाइन आवेदन किया हुआ था, लेकिन तत्कालीन एक्सईएन ने इस आवेदन पर कोई ध्यान नहीं दिया। जिसके चलते अभी भी छुट्टियों का आवेदन लंबित है।
नकली देसी घी बनाने की सूचना पर छापा, 75 किलो चर्बी बरामद
रिपो० राजेश शर्मा
बुलंदशहर/सिकंदराबाद। पशुओं की चर्बी से देसी घी बनाने का मामला सामने आया है। पुलिस और खाद्य विभाग की टीम ने छापा मारकर 75 किलो चर्बी बरामद की है।
चर्बी से देशी घी तैयार कर दिल्ली, नोएडा समेत एनसीआर के विभिन्न जनपदों में सप्लाई किया जाता था।
सिकंदराबाद के मोहल्ला भीतरकोट में पशुओं की चर्बी से देसी घी बनाने की सूचना पर बृहस्पतिवार शाम को पुलिस छापा मारने पहुंच गई। इससे पहले आरोपियों को छापे की भनक लग गई और वह फरार हो गए। सिर्फ एक नाबालिग किशोर मौके पर मिला। पुलिस ने 75 किलो पशुओं की चर्बी बरामद की। इसके बाद खाद्य सुरक्षा विभाग को भी सूचना देकर टीम बुला ली गई।
खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारियों ने चर्बी के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी चर्बी का इस्तेमाल कर नकली देसी घी बनाते थे। असली देसी घी जैसी खुशबू लाने के लिए उसमें एक विशेष प्रकार के केमिकल का इस्तेमाल करते थे। यह केमिकल भी प्रतिबंधित श्रेणी का बताया जा रहा है। यह धंधा काफी दिनों से चल रहा था। नकली देसी घी बनाने के बाद इसे बड़े बर्तनों में भरकर दिल्ली-एनसीआर में संचालित छोटी-छोटी दूध डेयरियों पर बेचा जाता था।
पुलिस का कहना है कि मौके पर मिले नाबालिग किशोर से आरोपियों के बारे में पता लगाया जा रहा है। खाद्य विभाग की तहरीर अभी नहीं मिली है। तहरीर मिलने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। पुलिस आरोपियों की तलाश में जुट गई है। वहीं, खाद्य सुरक्षा विभाग के डीओ आरके गुप्ता का कहना है कि पुलिस ने चर्बी बरामद करने की सूचना दी थी। मौके पर चर्बी से घी बनाने की कोई सामग्री नहीं मिली है। चर्बी का सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिया है। जल्द आगे की कार्रवाई की जाएगी।