बुलंदशहर। बाबा का बुलडोजर अफसरों को पड़ गया भारी : 6 अफसरों को हाईकोर्ट ने किया तलब, कोर्ट की अवमानना का चलेगा केस

 

रिपो० राजेश शर्मा

बुलंदशहर में बाबा के बुलडोजर लेकर आए दिन तोड़फोड़ मचा रहे अफसरों को अब लेने के देने पड़ गए हैं। मनमानी कर रहे प्राधिकरण के अफसर अब हाईकोर्ट के चंगुल में फंस गए हैं। जनपद के झाझर में ऐरोसिटी रेसीडेंसी पर बुलडोजर चलाना सरकारी मशीनरी को भारी पड़ गया है। यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ (मुख्य कार्यकारी अधिकारी) अरुण वीर सिंह समेत बुलंदशहर विकास प्राधिकरण के 6 अफसरों को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से तलब किया है।

इन अफसरों में यमुना विकास प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह, ओएसडी शैलेन्द्र सिंह, एसडीएम सिकंदराबाद राकेश कुमार, डीजीएम राजेन्द्र कुमार भाटी, तहसीलदार विनय भदौरिया और सीनियर मैनेजर विकास कुमार यमुना विकास प्राधिकरण को इलाहाबाद हाइकोर्ट ने व्यक्तिगत रूप से तलब कर अपना जबाव देने को कहा है। सभी अफसरों को 16 अगस्त को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर अपना स्पष्टीकरण देने को कहा गया है कि जब पीड़ित के पास हाईकोर्ट का स्टे आर्डर था तो फिर बुलडोजर क्यों चलाया गया।

हाईकोर्ट का स्टे आर्डर देखने पर भी नहीं माने थे अफसर

बुलंदशहर की झाझर स्थित ऐरोसिटी रेसीडेंसी पर इलाहाबाद हाईकोर्ट का स्टे होने के बावजूद यमुना विकास प्राधिकरण ने 29 मार्च को बुलडोजर चलाकर दफ्तर ढहा दिए थे। भवन, सड़कें और नालियां को नेस्तनाबूद कर दिया था। कोर्ट ने ऐरोसिटी रेसीडेंसी पर बुलडोजर चलाने की कार्रवाई को कोर्ट ऑफ कंटेम्प माना है और सभी 6 अफसरों को 16 अगस्त को कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से हाज़िर होने का आदेश दिया है।

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