ब्यूरो चीफ, अलीगढ़
अलीगढ़ में अपर जिला जज तृतीय ने 7 साल पहले हुए डबल मर्डर के मामले में ऐतिहासिक निर्णय देते हुए 5 लोगों को फांसी की सजा सुनाई है। मामले मैं एक दोषी को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। उम्र कैद की सजा पाने वाला दोषी पेशे से अधिवक्ता है। न्यायालय का फैसला आने के बाद जहां पीड़ितों के परिवार ने खुशियां मनाई वही दोषियों के परिवार में मातम का माहौल छा गया। एडीजे-3 राजेश भारद्वाज की अदालत में क्या फैसला सुनाया है। एक साथ 5 लोगों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद पूरे शहर में यह चर्चा का विषय बन गया।
2015 में शादी समारोह में हुई थी हिस्ट्रीशीटर की हत्या
अभियोजन पक्ष के एडवोकेट एडीजीसी कृष्ण मुरारी जौहरी ने बताया कि देहली गेट के शाहजमाल निवासी चंदा और खैर रोड लाल मस्जिद निवासी नौशे निवासी मामूद नगर, रोरावर में एक शादी समारोह में गए थे। जहां से बुलाकर आरोपियों ने इनकी बेरहमी से हत्या कर दी थी। परिवार जनों ने मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि दोनों को आसिफ अपने साथ बुलाकर ले गया था। समारोह में डांस करते समय दूसरे पक्ष ने हमला कर दिया था।
परिजनों ने आरोप लगाया था कि हमलावरों ने नौशे के मुंह में हथियार घुसाकर गोली मार दी थी। वहीं चंदा पर अंधाधुंध फायरिंग की गई थी। इसके बाद ईंटों से दोनों के सिर बेरहमी के साथ कुचल दिए थे। हत्या करने के बाद दोनों के शवों को शादी वाले घर के बाहर गली में नाली में फेंक कर हमलावर फरार हो गए थे।
इस वारदात के बाद नौशे के बेटे राजा ने मुकदमा दर्ज कराया था। उसने हमदर्द नगर सिविल लाइंस के अधिवक्ता गयासुद्दीन पर एक जमीनी विवाद में रुपये देकर हत्या कराने का आरोप लगाया था। इसमें आसिफ, अहसान, वकील, कफील व भूरा को नामजद किया गया था। कोर्ट ने हत्या कराने वाले अधिवक्ता गयासुद्दीन को उम्रकैद और हत्या करने वाले अन्य 5 को दोषी करार करते हुए सभी को फांसी की सजा सुनाई है।
फांसी की तिथि तय नहीं, 90 दिन में करनी है अपील
अपर जिला जज तृतीय राजेश भारद्वाज ने सभी आरोपियों को सजा सुनाते हुए उन्हें उच्च अदालत में अपील करने के लिए 90 दिन का समय दिया है। वही मृत्यु दंड की सजा पाने वाले 5 आरोपियों की फांसी की तिथि अभी निर्धारित नहीं की गई है। अगर दोषियों ने 90 दिन के अंदर उच्च अदालत में अपील नहीं करी तो इसके बाद इन सभी की फांसी की तिथि निर्धारित कर दी जाएगी। अदालत से सजा मिलने के बाद पुलिस ने सभी से आरोपियों को अपनी कस्टडी में ले लिया है और उन्हें जेल भेज दिया गया है।