ब्यूरो ललित चौधरीबुलंदशहर। प्रदेश को तीन मुख्यमंत्री देने वाले जिले को योगी 2.0 मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिल सकी। जिले सातों विधानसभा सीटों पर इस बार भी भाजपा जीती थी।
कयास लगाए जा रहे एकतरफा समर्थन के बदले जिले के हिस्से में इस बार भी कम से कम एक मंत्री पद आएगा। शुक्रवार को शपथ ग्रहण के बाद जिले की 40 लाख से अधिक जनता की उम्मीदों को झटका लगा है।
भाजपा ने जिले की सातों विधानसभा सीटों पर लगातार दूसरे चुनाव में विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया था। शुक्रवार दोपहर तक यह कयास थे कि अनिल शर्मा और संजय शर्मा में से किसी एक को मंत्री पद से नवाजा जा सकता है, लेकिन सारे कयास हवाई साबित हुए। शाम चार बजे शुरू हुए शपथ ग्रहण समारोह में जिले के किसी भी विधायक को मंत्री पद नहीं मिला।
जिले ने दिए तीन मुख्यमंत्री
प्रदेश की राजनीति में जिले ने बड़े-बड़े नेता दिए हैं। सबसे पहले बाबू बनारसी दास ने मुख्यमंत्री बनकर जिले का मान बढ़ाया था। इसके बाद भाजपा नेता रामप्रकाश गुप्ता भी मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंचे थे। बसपा सुप्रीमो मायावती भी बुलंदशहर की रहने वाली हैं।
जिले से अब तक जीते 24 विधायक विभिन्न सरकारों के मंत्रिमंडल में स्थान पा चुके हैं। इनमें सईद उल हसन, सतीश शर्मा, शमीम आलम, हितेश कुमारी, धर्म सिंह, त्रिलोक चंद, हरी सिंह वाल्मीकि, पीके शर्मा, बाबू हिम्मत सिंह, वीरेंद्र स्वरूप भटनागर, मुमताज मोहम्मद खान, आरिफ मोहम्मद खान, चौधरी तेज सिंह, राकेश त्यागी, सुरेंद्रपाल सिंह, धर्मवीर सिंह अशोक, अब्दुल रब, अनिल शर्मा, किरनपाल सिंह, वीरेंद्र सिंह सिरोही, डीपी यादव, स्वामी नेमपाल सिंह, महेंद्र यादव और ठाकुर रनवीर सिंह को मंत्री बनाया गया था।
चार ने पहली बार, तीन ने दूसरी बार ली शपथ
लखनऊ में आयोजित हुए शपथ ग्रहण समारोह में जिले के चार विधायक सिकंदराबाद से लक्ष्मीराज सिंह, डिबाई से सीपी सिंह, खुर्जा से मीनाक्षी सिंह, बुलंदशहर से प्रदीप चौधरी ने पहली बार तो वहीं अनूपशहर से संजय शर्मा, शिकारपुर से अनिल शर्मा और स्याना से देवेंद्र लोधी ने लगातार दूसरी बार विधायक पद की शपथ ली।