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उत्तर प्रदेश के कार्यवाहक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को भाजपा विधायक दल के नेता चुन लिए गए। लोकभवन में विधायक दल की बैठक में शाहजहांपुर से 9वीं बार के विधायक सुरेश खन्ना ने योगी के नाम का प्रस्ताव रखा था। जिस पर बेबी रानी मौर्य, सूर्य प्रताप शाही, नंद गोपाल गुप्ता नंदी समेत 5 विधायकों ने समर्थन दिया। केंद्रीय गृहमंत्री और ऑब्जर्वर अमित शाह के साथ को-ऑब्जर्वर झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने योगी आदित्यनाथ को पटका-पुष्प गुच्छ देकर उनका स्वागत किया।
बैठक में निषाद पार्टी, अपना दल समेत सभी सहयोगी दलों ने भी योगी के नाम पर सहमति पत्र ऑब्जर्वर को सौंपा है। थोड़ी देर में योगी राज्यपाल से मिलने राजभवन जाएंगे, जहां सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे। योगी राज्यपाल को 272 MLA का समर्थन पत्र भी सौंपेंगे। वहीं, शुक्रवार सुबह 10 बजे योगी आदित्यनाथ ने मंत्री बनने वाले विधायकों को आवास पर चाय पर बुलाया है।
शाह बोले-
बैठक के बाद गृह मंत्री शाह ने कहा, '35 सालों से कभी कभी एक पार्टी को दूसरी बार बहुमत नहीं मिला है। भाजपा इकलौती ऐसी पार्टी है जिसने दोनों बार दो तिहाई बहुमत हासिल किया है। भाजपा के नेता योगी को दूसरी बार जनता ने सीएम चुना है। आज विधायकों ने नेता चुना है, लेकिन चुनाव की शुरुआत से पहले पार्टी ने घोषणा की थी कि योगी के चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे। जनता ने जिताया और फिर मुख्यमंत्री बनाया है। यूपी कई सालों से राजनीति अस्थिरता का केंद्र रहा है। आजादी के बाद राजनीति का क्षरण होता रहा है, नतीजा क्षेत्रीय पार्टियां बढ़ती पनपती गईं।
2014 के आम चुनाव में जब तय हुआ कि उस वक्त के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री होंगे। तब समग्र देश में चेतना जागी थी। तब मैं यूपी का प्रभारी था। कार्यकर्ताओं में भी खुशी की लहर दौड़ गई थी। जब चुनाव हुआ तो भोले शंकर की तरह जनता ने 73 सीटें दीं। योगीजी ने केंद्र की योजनाओं को जमीन पर उतारी। लेकिन 2017 से पहले की सरकार ने उन योजनाओं को जमीन पर नहीं पहुंचाई। भ्रष्टाचार और राजनीतिक एडमिनिस्ट्रेशन के कारण योजनाएं जमीन पर नहीं उतरीं।
2017 में कार्यकर्ता एक-एक घर गया और मोदी पर भरोसा जताने की बात कही। नतीजा 300 पार का जनादेश भाजपा को मिला। योगी को मुख्यमंत्री को बनाया। ढेर सारी चुनौतियां थीं। छिन्न-भिन्न प्रशासनिक ढांचा था। राजनीति का अपराधीकरण हो चुका था। निवेश का कोई माहौल नहीं था। यूपी की जनता इससे मुक्ति चाहती थी।
जनप्रतिनिधि समझते है कि वो अपनी लोकप्रियता से जीतते हैं, लेकिन मैं भी 5 बार विधानसभा 1 बार राज्य सभा और 1 बार लोकसभा में जीत कर पहुंचा, लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि पार्टी ही सबसे ऊपर होती है। यूपी के विकास में 5 साल जो नींव डालने का काम हुआ है अब 5 साल यूपी को देश में नंबर वन बनाना है। यहीं से विकास की नई यात्रा शुरू होगी।
यहीं से शुरू होती है गरीब और युवाओं और छोटी बच्चियों की आशाओं और सपनों की नई यात्रा। यह सभी नए विधायकों को योगी के नेतृत्व में करना है। जो कानून व्यवस्था को मजबूती देने का काम 5 साल हुआ है, उसमें बाधा न बनकर उसे और मजबूत बनाएं। एक्सप्रेस-वे बने हैं। गरीब कल्याण के क्षेत्र में अतुलनीय सिद्धि मिली है। मुफ्त में अनाज पहुंचाना हो या कोरोना काल में टीका पहुंचाना हो, यह यात्रा हमारी चलती रहनी चाहिए।
PM मोदी और शाह के मजबूत नेतृत्व से यूपी जीते
नेता बनने के बाद योगी ने पार्टी विधायकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा, पहली बार किसी सीएम ने अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा किया और पार्टी दूसरी बार (उत्तर प्रदेश में) सत्ता में आई। ऐसा पहली बार हुआ है। यह पीएम मोदी के मार्गदर्शन और नेतृत्व में हुआ है। 2014 में गृह मंत्री अमित शाह ने एक संगठन की मजबूत नींव रखी थी। राष्ट्रीय अध्यक्ष के रुप में उन्होंने व्यापक दौरे किए, जिसकी वजह के उत्तर प्रदेश में भाजपा मजबूत होकर आई है।
2017 में मुझ पर पार्टी ने भरोसा किया। तब मैं एक सांसद था। शासन की किसी प्रक्रिया में कोई भागीदार नहीं था। 2017 से पहले सुशासन की कोई बात नहीं करता था। उस वक्त तो कोई सोचता भी नहीं था, आज ये सब संभव हो पाया है। हमारी सरकार ने बिना भेदभाव के आम जन तक गरीब कल्याण की योजनाएं पहुंचाई हैं।
सपा-बसपा की सरकार में गरीबों के विकास के लिए कोई योजना नहीं थी। 2017 से हम प्रदेश को कुशासन से सुशासन की तरफ ले गए। अब हमारी जिम्मेदारी और बढ़ गई है। सुशासन को और कैसे सुदृढ़ करना है। इस पर हम सभी को कार्य करना है।
LIVE अपडेट्स
- लोकभवन में मंच पर भाजपा के सहयोगी दलों के नेता आशीष पटेल, संजय निषाद जैसे 12 नेता मौजूद हैं।
- शाह ने पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किया।
- गृह मंत्री शाह और रघुवर दास भाजपा दफ्तर से बाहर निकलकर लोकभवन के लिए निकले हैं। शाह ने विक्ट्री साइन दिखाकर कार्यकर्ताओं का उत्साह बढ़ाया।
- भाजपा दफ्तर से प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और राधा मोहन सिंह लोकभवन के लिए निकल चुके हैं। यहां शाह के साथ 55 मिनट बैठक चली।
- गृह मंत्री शाह भाजपा दफ्तर में कार्यकर्ताओं से मिल रहे हैं। वे उन्हें यूपी में जीत का श्रेय दे रहे हैं।
- अमौसी एयरपोर्ट पर योगी और केशव मौर्य-दिनेश शर्मा ने गृह मंत्री शाह का स्वागत किया।
- 25 मार्च को लखनऊ में अटल बिहारी वाजपेयी इकाना स्टेडियम में योगी अपने मंत्रिमंडल के साथ शपथ लेंगे।
- विधानसभा चुनाव में भाजपा को 273 सीटें मिली हैं। 2017 के चुनाव में 312 सीट हासिल हुई थी।
आधे से अधिक नए चेहरे होंगे
बताया जा रहा है कि योगी की नई टीम में आधे से अधिक नए चेहरे होंगे। सूत्रों के हवाले से बताया जा रहा है कि पुरानी टीम के तीन कद्दावर चेहरे को नई टीम में मौका नहीं मिलेगा। पार्टी सूत्रों का दावा है कि इस बार भी 2 डिप्टी सीएम होंगे। पुराने डिप्टी सीएम में से एक का दायित्व बरकरार रखने और एक नया चेहरा लाने की चर्चा है।
सूत्रों का दावा है कि सूची में 43 नाम हैं। भाजपा विधायक दल की बैठक में अपना दल (एस) के 12 और निषाद पार्टी के 6 विधायक भी शामिल होंगे। अपना दल S की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल व निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद भी उपस्थित रह सकते हैं।
नड्डा से हुई योगी की मुलाकात
शपथ ग्रहण से पहले मंत्रिमंडल पर फाइनल चर्चा के लिए योगी आदित्यनाथ दिल्ली पहुंचे। बुधवार की देर शाम उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की । बताया जा रहा है कि इस मुलाकात में सरकार के गठन और मंत्रिमंडल के नामों पर भी चर्चा हुई। इस शपथ ग्रहण में शामिल होने के लिए ब्रज के 45 संतों को आमंत्रित किया गया हैं। इसके साथ ही मथुरा-वृंदावन के प्रमुख मंदिरों में शपथ ग्रहण के दिन घंटे घड़ियाल बजाए जाएंगे।
इन सितारों को भी आमंत्रण
योगी के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में कई नामी हस्तियां भी शामिल होंगी।अक्षय कुमार,कंगना रनावत,अजय देवगन,अनुपम खेर, बोनी कपूर, कश्मीर फाइल्स के डायरेक्टर विवेक अग्निहोत्री को आमंत्रण भेजा गया है।फेमस भजन सिंगर कन्हैया मित्तल,दिनेश लाल यादव निरहुआ, रॉकी मित्तल,कवयित्री अनामिका जैन अंबर,भाजपा सांसद रवि किशन, भाजपा सांसद मनोज तिवारी को भी न्योता भेजा गया है।
उप-मुख्यमंत्री के नामों पर हुई चर्चा
यह तय है कि योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री होंगे लेकिन डिप्टी सीएम कौन होगा? इस पर अभी तक फैसला नहीं हो पाया है। सूत्रों की मानें तो केशव मौर्य के नाम पर सहमति बन गई है, लेकिन अभी भी दिनेश शर्मा, बेबी रानी मौर्य, बृजेश पाठक, स्वतंत्र देव सिंह और एके शर्मा इस दौड़ में शामिल हैं। दिल्ली में देर रात तक चली बैठक में इन नामों पर चर्चा हुई है। हालांकि, सूत्रों का कहना है कि भाजपा केशव मौर्य को उप मुख्यमंत्री बनाए रख सकती है। इसके साथ ही स्वतंत्र देव सिंह को भी इस बार कैबिनेट में शामिल किया जाएगा।
बीजेपी शासित राज्यों के ये सीएम और डिप्टी सीएम, उद्योगपति होंगे शामिल
शिवराज सिंह चौहान | मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश |
मनोहर लाल खट्टर | मुख्यमंत्री, हरियाणा |
पेमा खांडू | मुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश |
एम एन वीरेन सिंह | मुख्यमंत्री, मणिपुर |
जयराम ठाकुर | मुख्यमंत्री, हिमाचल प्रदेश |
विप्लव देव | मुख्यमंत्री, त्रिपुरा |
प्रमोद सांवत | मुख्यमंत्री, गोवा |
हेमंत विस्वा शर्मा | मुख्यमंत्री, असम |
बसवराज बोम्मई | मुख्यमंत्री, कर्नाटक |
भूपेन्द्र पटेल | मुख्यमंत्री, गुजरात |
पुष्कर सिंह धामी | मुख्यमंत्री, उत्तराखंड |
तारकेश्वर सिंह | उपमुख्यमंत्री, बिहार |
रेणु देवी | उपमुख्यमंत्री, बिहार |
चोनामीन | उपमुख्यमंत्री, अरुणाचल प्रदेश |
वाई पैटन | उपमुख्य मंत्री, नागालैंड |
जिष्णु देव वर्मा | उपमुख्यमंत्री, त्रिपुरा |
टाटा ग्रुप | एन चंद्रशेखरन |
अंबानी ग्रुप | मुकेश अंबानी |
आदित्य बिरला ग्रुप | कुमार मंगलम बिरला |
अडानी ग्रुप | गौतम अडानी |
महिंद्रा ग्रुप | आनंद महिंद्रा |
हीरानंदानी ग्रुप | दर्शन हीरानंदानी |
लुलु ग्रुप | यूसुफ अली |
टोरेंट ग्रुप | सुधीर मेहता |
गोयनका ग्रुप | संजीव गोयंका |
लोढ़ा ग्रुप | अभिनंद लोढ़ा |