रिपो० रिशू कुमार
पद्म पुराण के अनुसार, आंवले का वृक्ष भगवान श्री हरि विष्णु को अत्यंत प्रिय होता है। इस बार आमलकी एकादशी का व्रत 14 मार्च को रखा जाएगा। मान्यता है कि आमलकी एकादशी के दिन आंवले का उबटन, आंवले के जल से स्नान, आंवला पूजन, आंवले का भोजन और आंवले का दान करना चाहिए।
शिकारपुर। नगर के प्राचीन शिव शक्ति चमत्कारी मन्दिर में आमला एकादशी पर महिलाओं ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। आमला एकादशी पर महिला व्रत भी रखती है और महिलाओं ने दूरदराज से पहुंच कर चमत्कारी मन्दिर में पूजा अर्चना की।
महिलाओं ने अपनी और अपने परिवार के लिए लम्बी उम्र की कामना की, प्राचीन शिव शक्ति मन्दिर के महन्त कुनाल जोशी, ने बताया कि आमला एकादशी पर महिला आमला के पेड़ की पूजा अर्चना करती है और इस दिन व्रत भी रखती है आमला एकादशी पर महिलाओं की मनोकामना पूर्ण भी होती है।
आमलकी एकादशी के दिन करें ये उपाय
- इस दिन अपने सामर्थ्य के अनुसार दान-पुण्य के कार्य अवश्य करें।
- एकादशी व्रत पर अगर संभव हो तो गंगा स्नान करें, इसे शुभ माना जाता है।
- रात्रि में भागवत कथा और भजन-कीर्तन करते हुए श्री हरि विष्णु का पूजन करें।
- आमलकी एकादशी के दिन सुबह स्नान के बाद विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए।
- इस दिन श्री हरि को एकाक्षी नारियल अर्पित करना चाहिए। कहते हैं कि पूजा के बाद एकाक्षी नारियल को एक पीले रंग के कपड़े में बांध लें, इसे अपने पास संभालकर रख लें।
- इस दिन आंवले के पेड़ के तने पर सात बार सूत का धागा लपेटे और साथ ही घी का दीपक जलाएं।
- इस दिन 21 ताजा पीले फूलों की माला बनाकर श्री हरि को अर्पित करें।
- नरसिम्हा भगवान को खोए की मिठाई का भोग लगाएं।