ब्यूरो ललित चौधरी
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी और राष्ट्रीय लोक दल को बुलंदशहर के स्याना विधानसभा सीट पर इस बार जीत हासिल हो सकती है। क्योंकि क्षेत्र की जनता स्थानीय भाजपा विधायक देवेंद्र सिंह लोधी से काफी नाराज चल रही है।
UP Election 2022 : यूपी चुनाव में बुलंदशहर की स्याना विधानसभा सीट पर भाजपा ने भले ही वर्तमान विधायक देवेन्द्र सिंह लोधी को फिर से मैदान में उतार दिया है लेकिन जिस तरह उनको जगह जगह लोगों के विरोध का सामना कर पद रहा है उससे उनकी राह फिलहाल आसान नहीं लग रही है। विधायक से लोगों की नाराजगी को सपा-रालोद गठबंधन अपने फायदे के रूप में देख रहा है।दरअसल बीते दिनों भाजपा विधायक लोधी अपने निर्वाचन क्षेत्र में चुनाव प्रचार करने गये थे लेकिन उन्हें ग्रामीणों का विरोध झेलना पड़ा। उनकी गाड़ी को रोक कर नारेबाजी की गयी। लोगों ने उनके ऊपर आरोप लगाए कि उनके कार्यकाल में विकास कार्य नहीं हुए। भारी विरोध देखते हुए स्याना विधायक देवेंद्र सिंह लोधी ने हाथ जोड़ कर अपील की कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
देवेन्द्र लोधी उन तीन मौजूदा विधायकों में से एक हैं जिन्हें भाजपा ने बुलंदशहर में उम्मीदवार के रूप में फिर से टिकट दिया है। लोगों के असंतोष को देखते हुए चार अन्य विधायकों को भाजपा ने फिर से टिकट नहीं दिया है। स्याना सीट पर कहा जाता है कि यहाँ लोधी राजपूत जाति का वर्चस्व है। उसके बाद मुस्लिम और जाट आते हैं।
2017 के विधानसभा चुनाव में लोधी ने बसपा के दिलनवाज खान को 70 हजार वोटों से हराया था। दिलनवाज खान ने 2012 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर जीता था और तब उन्होंने बसपा के देवेंद्र भारद्वाज को हराया था। इस बार दिलनवाज खान और लोधी फिर आमने सामने हैं। फर्क इतना है कि दिलनवाज इस बार सपा-रालोद गठबंधन के उम्मीदवार हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि लोधी के लिए यह चुनाव आसान नहीं होगा।
सपना चौधरी की बाउंसर
जहाँ तक कांग्रेस की बात है तो उसने सपना चौधरी की बाउंसर रहीं पूनम पंडित को स्याना के मैदान में उतारा है। 26 वर्षीय पूनम मूल रूप से बुलंदशहर जिले की ही हैं और वह कुछ समय के लिए हरियाणा की प्रसिद्ध डांसर सपना चौधरी के शो में बतौर बाउंसर भी काम कर चुकी हैं। पूनम किसान आंदोलन में भी काफी सक्रिय रही थीं। उन्होंने यूपी, दिल्ली और हरियाणा में कई मंचों पर जाकर किसान आंदोलन को लेकर जनसमर्थन जुटाने का काम किया था और भारतीय किसान यूनियन की मुजफ्फरनगर में हुई महापंचायत में राकेश टिकैत ने उन्हें मंच पर स्थान दिया था।
सन 62 में बनी थी सीट
स्याना विधानसभा सीट 1962 से अस्तित्व में आई थी और यहाँ से कांग्रेस ने 6 बार जीत दर्ज की है। जबकि भाजपा को 4 बार सफलता मिली है। 1962 में हुए पहले चुनाव में प्रांतीय सोशलिस्ट पार्टी के मुमताज मोहम्मद खान चुनाव जीतकर विधायक बने थे। 1967 में स्वामी नेमपाल सिंह, 1969 और 1974 में मुमताज मोहम्मद खान कांग्रेस के टिकट पर जीते। 1980 में छत्रपाल सिंह जेएनपी (एससी) से विधायक बने। 1985 और 1989 में इम्तियाज मोहम्मद खान विधायक चुने गए। 1991, 1993 में भाजपा के वासुदेव सिंह और 1996 में कांग्रेस के राकेश त्यागी ने चुनाव जीता।
2002 और 2007 में भाजपा से सुंदर सिंह ने जीत दर्ज की। 2012 में कांग्रेस से दिलनवाज विधायक बनने में सफल हुए। 2017 में भाजपा के टिकट पर देवेंद्र सिंह लोधी जीते। केरल के राज्यपाल और शाहबानो प्रकरण को लेकर को राजीव गांधी से अलग होने वाले आरिफ मोहम्माद खान ने अपना पहला चुनाव स्या ना विधानसभा सीट से ही लड़ा था। हालांकि इस चुनाव में उन्हेंआ हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर 26 साल की उम्र में वह इसी सीट से जीतकर पहली बार विधानसभा पहुंचे थे।