रिपो० अभिषेक कुमार
गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में फर्जी आधार कार्ड बनाने वाला एक गिरोह पकड़ा गया है। गाजियाबाद साइबर सेल और सर्विस लाइन टीम ने संयुक्त कार्रवाई कर इस गैंग का पर्दाफाश कर दिया है।
बताया जा रहा है कि फर्जी आधार कार्ड बनाने वाले गैंग मेंबर्स बस अड्डा चौकी इलाके की एक्सप्रेस मार्केट में बनी यमुना मार्केट बिल्डिंग में एक नकली आधार कार्ड सेंटर का संचालन करते थे।
8 आरोपी गिरफ्त में, मिला यह सामान
जानकारी के मुताबिक, पुलिस को मुखबिर से इस बात की सूचना मिली. इसके बाद पुलिस की टीम मौकै पर पहुंची और 8 लोगों को गिरफ्त में ले लिया। इन आरोपियों के पास से 209 रबर के बने थंब प्रिंट, 137 नकली आधार कार्ड, 61 पेपर, जिनपर आई रेटीना छपे हुए थे, 30 लैपटॉप, 9 मोबाइल, 5 आई स्कैनर, 3 थंब स्कैनर, प्रिंटर और अन्य सामान मिले हैं।
असम की कंपनी से लिया आधार कार्ड बनाने का एक्सेस
पुलिस ने जब आरोपियों से पूछताछ की तो मालूम हुआ कि अंकित गुप्ता नान का शख्स इस सेंटर का संचालक है. उसके पास बीएससी की डिग्री है। पूछताछ में जानकारी मिली कि अंकित ने असम की एक कंपनी आसूजा से कॉन्टैक्ट कर आधार कार्ड बनाने के लिए आईडी बनवा ली। फिर नोएडा की फ्रंटेक सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी से सुपरवाइजर और ऑपरेटर की कई आईडी बनवाईं।
30 हजार से ज्यादा फर्जी आधार कार्ड बनाए
पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, ये आरोपी झुग्गी झोपड़ियों में रहने वाले लोगों को टारगेट करते थे। इसके बाद उनका फर्जी आधार कार्ड बनाते थे। यह गिरोह आधार कार्ड बनाने के लिए 5 हजार रुपये लेता था। इतना ही नहीं, नाम और पता बदलने के लिए भी 2-3 हजार रुपये वसूलता था। बताया जा रहा है कि यह गैंग अभी तक कम से कम 30 हजार नकली आधार कार्ड बना चुकी है।
UIDAI की तरफ से भी जांच जारी
पुलिस ने मीडिया को जानकारी दी है कि सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाली यह गैंग फर्जी आधार कार्ड बना रही थी। जिन लोगों के नकली आधार कार्ड बनाए गए हैं, उन्हें भी ढूंढा जा रहा है. इसके साथ ही, यूआईडीएआई तक सूचना पहुंचा दी गई है. उनके अफसर भी जांच में लग गए हैं। वहीं, फरार आरोपियों को दबोचने की कार्रवाई भी चल रही है, जल्द ही उन्हें पकड़ा जाएगा।