रिपो० रिशू कुमार
बुलन्दशहर। विधान सभा चुनावों की दुन्दुभि बज चुकी है सभी राजनैतिक पार्टी तमाम गुणा भाग करने जोड़ तोड़ करने नफा नुकसान का आकलन करने और चुनावी उम्मीद वारों की लिस्ट फाइनल करने में व्यस्त है ऐसे में पार्टी नेताओं के समक्ष सहयोगी दलों को राजी रखने और अपने समर्थकों को खुश रखने की कड़ी चुनौती भी मौजूद है।
सत्ताधारी पार्टी भाजपा को प्रदेश में अपना बर्चस्व बनाये रखने के लिए ऐढी़ चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है जहाँ एक ओर भाजपा के वर्तमान विधायक अपनी दूसरी पारी पुनः खेलने के लिए बेताब है वहीं पार्टी में शामिल होकर चुनाव लड़ने के लिए बेताब लोगों की भरमार भी कम नहीं है जनपद के कम से कम तीन वर्तमान विधायकों के टिकट कटने लगभग तय बताये जा रहे है जानकर सूत्रों के अनुसार एक विधायक के क्षेत्र के लोग विधायक के पुतले फूंकते नजर आ रहें हैं तो एक विधायक के क्षेत्र में ठाकुर बनाम ब्राह्मण की लड़ाई में टिकट कटने की जोर दार संभावना है।
एक विधायक के समक्ष उम्र के साथ साथ घर की कलह टिकट कटने की वजह बन चुकी है ऐसे में पार्टी नये चेहरों पर दांव लगा सकतीहै. पार्टी के समक्ष चुनौती नेता विशेष को खुश रखने की नहीं बल्कि जन आकाक्षांओं पर खरा उतरने की है.ऐसे में पार्टी टिकट देते समय व्यक्ति की क्षेत्र में व्यक्तिगत क्षवि, कार्य शैली और प्रभाव तीनों को ध्यान में रखते हुए ही फैसला लेगी वरना हवाई किले ढहते देर नही लगेगी और विरोधी इसी ताक में हैं कि गलत व्यक्ति को टिकट मिले जिससे हमारी जीत का रास्ता आसान हो सके है ।