- आज से लागू होगा नया नियम, गाड़ी खरीदते समय ही तत्काल मिल जाएगा नंबर
- पोर्टल पर वाहन खरीदार की जानकारी भरते ही जारी हो जाएगा नंबर
- पुरानी व्यवस्था में आरटीओ कार्यालय से जारी होता था वाहन का नंबर
- 420, 376, 302 नंबर से कतराते थे वाहन चालक, तो इन नंबरों को ट्रैक्टर, थ्रेसर आदि के लिए कर दिया जाता था जारी
डेस्क समाचार दर्पण लाइव
अलीगढ़ :420, 376, 302 नंबरों से अब वाहन खरीदार पीछा नहीं छुड़ा पाएंगे। दरअसल, वाहन-4 वेबसाइट के नेशनल पोर्टल पर डीलर रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था आज से शुरू हो गई है। नई व्यवस्था के तहत पोर्टल पंजीकरण क्रमांक के आधार पर स्वयं की वाहन का रजिस्ट्रेशन नंबर जारी करेगा। आमतौर पर इन संगीन धाराओं वाले नंबरों से लोग दूरी बनाए रखते थे। आरटीओ कार्यालय से इन नंबरों को मजबूरन ट्रैक्टर और थ्रेसर जैसे वाहनों को आवंटित करना पड़ता था। मगर, अब नई व्यवस्था से सभी काम पूरी तरह से कम्प्यूटरीकृत हो गया है।
एआरटीओ रंजीत सिंह ने बताया कि पहले डीलर्स सिर्फ वाहन की रकम और विभागीय टैक्स वसूलने के बाद रसीद काटकर दे देता था। बाद में वाहन स्वामी के क्रय संबंधी जानकारी को अप्रूवल देकर परिवहन विभाग वाहन का पंजीकरण नंबर जारी करता था। अब यह व्यवस्था बदल गई है। वाहन-4 वेबसाइट के नेशनल पोर्टल पर डीलर्स द्वारा वाहन क्रेता के आधार कार्ड की जानकारी फीड करेगी। उक्त आधार कार्ड में दर्ज मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी जारी होगा, जिसे पोर्टल पर फीड करते ही तत्काल वाहन का पंजीकरण नंबर जारी हो जाएगा। पोर्टल स्वत: ही यह प्रक्रिया कर देगा। इसे नकारा नहीं जा सकेगा। पहले वाहन खरीदने के बाद लोग अकसर अच्छा नंबर पाने की ख्वाहिश रखते थे। 420, 376, 302 जैसे नंबरों को कोई नहीं लेता था। इसलिए इनको ट्रैक्टर और थ्रेसर जैसे वाहनों को आवंटित किया जाता था। एक सीरीज में 0001 से लेकर 9999 तक नंबर होते हैं। वहीं, एआरटीओ रंजीत सिंह ने बताया कि अब वीआईपी नंबर के शौकीन लोगों को नई व्यवस्था के साथ नंबर जारी होगा। अब वाहन की खरीद से पहले वीआईपी नंबर की बुकिंग कराकर उसे खरीदना होगा। भारत सीरीज में वीआईपी नंबर की व्यवस्था नहीं है। पंजीकरण क्रमांक जो होगा, वहीं क्रेता को जारी होगा।