यूपी | शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व चेयरमैन वसीम रिजवी बने जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी, कुरान की 26 आयतों को दी थी सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

 

ब्यूरो ललित चौधरी

वसीम रिजवी ने कहा कि मुझे इस्लाम से बाहर कर दिया गया है, हमारे सिर पर हर शुक्रवार को ईनाम बढ़ा दिया जाता है, इसलिए आज मैं सनातन धर्म अपना रहा हूं. वहीं इस मौके पर यति नरसिंहानंद सरस्वती ने कहा कि हम वसीम रिजवी के साथ हैं, वसीम रिजवी त्यागी बिरादरी से जुड़ेंगे।


यूपी वक़्फ़ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष वसीम रिजवी ने इस्लाम धर्म को छोड़कर सनातन धर्म स्वीकार किया है, गाजियाबाद के डासना मंदिर में पूरे रीति-रिवाज के साथ आज उन्होंने सनातन धर्म को स्वीकार किया और तिलक लगाकर, कलावा बांधकर, गले में रुद्राक्ष पहनकर वसीम रिजवी का नाम अब जितेंद्र नारायण सिंह त्यागी हो गया है।

वसीम रिजवी से पूछा गया ये बड़ा सवाल

उनसे जब पूछा गया कि क्या उन्होंने डर की वजह से सनातन धर्म स्वीकार किया है या फिर अपनी मर्जी से, इसपर उन्होंने कहा, 'मैंने किसी डर से सनातन धर्म स्वीकार नहीं किया है, बल्कि मैंने अपने दिल से इस धर्म को स्वीकार किया है. मैं अपने फैसले खुद लेता हूं और सनातन धर्म को स्वीकार करने का फैसला भी मेरा ही है. मेरा परिवार मेरे इस फैसले से सहमत है या नहीं मुझे इससे कोई लेना देना नहीं है. अगर मेरे परिवार का कोई सदस्य मुझसे सहमति नहीं रखता है तो मुझे इसमें कोई दुख नहीं है. मेरे इस फैसले में जो मेरे साथ आएगा, मैं भी उसके साथ हूं।


वसीम रिजवी ने वसीयत मे दफनाने को भी किया था मना 

बता दें कि वसीम रिजवी अक्सर ही अपनी बातों और हरकतों से विवादों में रहते हैं. कुछ दिनों पहले रिजवी ने अपनी वसीयत लिखी थी, जिसमें उन्होंने इच्छा जताई थी कि उनके मरने के बाद उन्हें दफनाया नहीं जाए, बल्कि हिंदू रीति रिवाज से अंतिम संस्कार किया जाए. उन्होंने यह भी इच्छा जताई थी कि यति नरसिम्हानंद उनकी चिता को अग्नि दें।

कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी 

वसीम रिजवी ने तब एक वीडियो जारी कर कहा था कि उनकी हत्या करने और गर्दन काटने की साजिश रची जा रही है. इस वीडियो संदेश में उन्होंने कहा था, ‘मेरा गुनाह सिर्फ इतना है कि मैंने कुरान की 26 आयतों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. मुसलमान मुझे मारना चाहते हैं और ऐलान किया है कि मुझे किसी कब्रिस्तान में जगह नहीं देंगे. इसलिए मरने के बाद मेरा अंतिम संस्कार कर दिया जाए.’

पहले ही दे दिया था धर्म परिवर्तन का संकेत

बता दें कि पिछले महीने 12 नवंबर को वसीम रिजवी ने अपनी किताब 'मोहम्मद' के विमोचन के बाद कहा था कि यदि उनकी हत्या कर दी जाती है, तो उनका अंतिम संस्कार सनातन धर्म के विधि विधान से किया जाए। अंतिम संस्कार का अधिकार महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि को देते हुए कहा था कि यदि जिहादियों द्वारा उनकी हत्या होती है तो इस्लामिक रीति-रिवाज से उनका अंतिम संस्कार न करके उनका शव महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरी को दिया जाए और स्वामी जी सनातन रीति-रिवाजों से उनका अंतिम संस्कार करें। उनकी बात पर महामंडलेश्वर स्वामी नरसिंहानंद गिरि ने भी कहा था कि अगर इस्लाम के जिहादी वसीम रिज़वी की हत्या करते हैं तो वो स्वयं हथियार उठाकर इसका प्रतिशोध लेंगे।


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