अलीगढ़ में रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी ने दिया था पूर्व विधायक जमीरउल्ला को धक्का,ओवैसी की पार्टी ने दिया ऑफर

डेस्क समाचार दर्पण लाइव

23 दिसंबर को अलीगढ़ के इगलास में सपा-रालोद की संयुक्त जनसभा के दौरान जयंत चौधरी ने मंच पर लोगों का अभिवादन करते हुए अलीगढ़ के दो बार विधायक रहे समाजवादी पार्टी के हाजी जमीर उल्लाह को पीछे धकेल दिया था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी जमकर वायरल हुआ था, जिससे जमीर उल्लाह भी काफी आहत दिखाई दिए. शनिवार को फिरोजाबाद में रैली के दौरान एआईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस घटना का जिक्र किया था.

अब उस घटना को लेकर अलीगढ़ में एआईएमआईएम के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया और जमकर नारे लगाए. पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि मुसलमानों को हर जगह बेइज्जत किया जा रहा है. पार्टी के जिलाध्यक्ष गुफरान नूर ने बताया कि 23 तारीख को अलीगढ़ में सपा और आरएलडी का एक कार्यक्रम हुआ था. वह 10 साल अलीगढ़ के विधायक थे, उनके साथ बदतमीजी की गई और उनको धक्का दिया गया. यह अलीगढ़ की बात नहीं है. ये जो गठबंधन बना है, उसमें हर मंच से सिर्फ मुसलमानों की बेइज्जती की जा रही है.

एआईएमआईएम नेता ने दिया हाजी जमीर उल्लाह को ऑफर

गुफरान नूर ने कहा कि उन्होंने यह समझा है शायद कि दरी बिछाओ, कुर्सी बिछाओ और मंच तक नहीं पहुंच पाए. तुम उस काबिल नहीं हो. ऐसे में कल हमारे नेता असदुद्दीन ओवेसी ने फिरोजाबाद में यह बयान दिया कि हम तुम्हें कंधों पर बिठाते हैं, आप क्यों बेइज्जती की जिल्लत उठा रहे हो. पूरी कौम की बेइज्जती करा रहे हो. आप हमारे पास आइए, हम आपको इज्जत देने का काम करेंगे. मुजफ्फरनगर की जो नफरत थी, वही अलीगढ़ के मंच से दिखाई दी.

जमीर उल्लाह को धक्का देना हमारी कौम की बेइज्जती: गुफरान नूर

गुफरान नूर ने कहा कि मुजफ्फरनगर में जब दंगा हुआ था तो सैफई में ये लोग बैठकर लोग जाम टकरा रहे थे. उस समय 66 विधायक मुसलमान थे. उन्होंने एक भी शब्द उस पर नहीं बोला. जयंत चौधरी ने अलीगढ़ में 2 बार के विधायक को मंच पर धक्का दिया, जो नफरत मुजफ्फरनगर के अंदर थी, वह आज भी हमें दिखाई दे रही है. सारी चीजों का इंतजाम जमीर उल्लाह कर रहे है, गाड़ियां को लेकर जा रहे हैं और उन्हें आप धक्के देकर निकाल दे तो यह हमारी कौम की बहुत बड़ी बेइज्जती है.


उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी वाले क्या कहेंगे, उनको तो उसमें ही रहना है. उनको चाहे लात मारो, घुसे मारो उसी में ही पड़े रहना है. मुसलमानों की इज्जत गिरती जा रही है। इसमें किसी को कोई दिक्कत नहीं है. हम बस ये कहना चाहते हैं कि इतना मत सताओ, इतना मत डराओ कि उसका डर खत्म हो जाए.

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