अलीगढ़ में मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा, जवां के एक जोड़े से सामान वापस

 

डेस्क समाचार दर्पण लाइव

अलीगढ़ : मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में बड़ा गड़बड़झाला सामने आ रहा है। जिले में अपात्र लोगों को भी योजना का लाभ दिया जा रहा है। कई लाभार्थी तो ऐसे हैं, जिनकी पहले ही शादियां हो चुकी हैं। वहीं, कुछ ऐसे हैं, जो केवल सरकारी मदद के लिए ही दूल्हा -दुल्हन बन रहे हैं। शिकायत के बाद जवां ब्लाक में ब्लाक प्रमुख हरेंद्र सिंह ने इस मामले की जांच कराई तो फर्जीवाड़े की पुष्टि होने लगी है। इस्माइलपुर के एक जोड़े से तो समाज कल्याण विभाग के अफसरों ने सामान तक वापस करा लिया है। वहीं, अन्य दो तीन मामलों की रिपोर्ट भी अगले एक-दो दिन में आ सकती है।

मुख्‍यमंत्री सामूहिक विवाह योजना

गरीब बेटियों के हाथ पीले करने के लिए प्रदेश सरकार ने मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना संचालित कर रखी है। इसमें एक शादी पर 51 हजार की धनराशि खर्च होती है। ब्लाक स्तर पर यह शादियां होती हैं। पिछले दिनों जवां ब्लाक पर भी सामूहिक शादियां हुई थीं। इसमें एक दर्जन से अधिक लाभार्थियों की शादी कराई गईं। समारोह के कुछ दिन बाद जवां ब्लाक प्रमुख हरेंद्र सिंह को शिकायत मिली कि कई अपात्र लाभार्थियों को भी योजना का लाभ दे दिया हैं। जिनके पहले से दो-दो बच्चे हैं, उनकी भी शादी कराना बताकर सरकारी राशि दी गई है। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जिन्होंने केवल सरकारी लाभ के लिए शादी की है।

जांच में एक मामले की पुष्टि

शिकायत के बाद ब्लाक प्रमुख ने जांच कराई। इसमें इस्माइलपुर पंचायत का एक मामला सामने आया है। यहां पर दो लोगों ने केवल सरकारी लाभ के लिए ही सामूहिक विवाह योजना में शादी की। ऐसे में विभागीय अफसरों ने तत्काल इनसे सामान वापस करा लिया। वहीं, अन्य दो तीन लोगों की भी पुष्टि हो गई है। जल्द ही इनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

ये है नियम

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लिए संबंधित ब्लाक व नगरीय निकायों में आवेदन होता है। इसमें वर व वधु के आधार कार्ड, दो लाख तक की आय का प्रमाण व स्वजन की सहमति के लिए आधार कार्ड लगते हैं। ब्लाक स्तरीय अफसर सत्यापन कर रिपोर्ट जिला स्तर पर भेजते हैं। यहां से धनराशि ब्लाक के लिए भेज दी जाती है। संबंधित लाभार्थी के खाते में पैसे भेजे जाते हैं। एक जोड़े की शादी पर 51 हजार रुपये खर्च होते हैं। इसमें 35 हजार रुपये सीधे वधु के खाते में पहुंचते हैं। 10 हजार रुपये का सामान दिया जाता है। छह हजार रुपये शादी-विवाह के आयोजन पर खर्च होते हैं।

यहां भी बड़े फर्जीवाड़े की आशंका

शनिवार को खैर रोड पर मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह का आयोजन किया गया। इसमें कुल 495 जोड़े परिणय सूत्र में बंधे। चर्चा है कि इनमें कई लाभार्थी ऐसे हैं, जिनकी शादियां पहले ही हो चुकी हैं। ऐसे में इन्होंने कार्यक्रम में पूरे फेरे लेने से इन्कार कर दिया। महज माला-पहना कर ही खाना पूर्ति कर दी।

ब्लाक स्तर व नगरीय निकायों से सामूहिक विवाह योजना के आवेदन आते हैं। सत्यापन करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं होती है। इतनी बड़ी संख्या में संभव है कि एक-दो शादी पहले हो चुकी हाें। जवां ब्लाक के मामलों की जांच कराई जा रही है। रिपोर्ट आने पर कार्रवाई की जाएगी।

मनीष कुमार, जिला समाज कल्याण अधिकारी

शिकायत मिली थी कि ब्लाक स्तर पर सामूहिक विवाह योजना में फर्जीवाड़ा हो रहा है। कई संदिंग्ध मामलों की जांच कराई गई। इसमें एक मामले में अपात्र मिलने पर सामान वापस करा लिया है। अन्य मामलों की भी जांच चल रही है। शादी सुदा लोगों की दोबारा शादी होना गलत है।

हरेंद्र सिंह, ब्लाक प्रमुख जवां

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