रालोद नेता हाजी यूनुस के काफिले पर कार सवार पांच शूटरों ने गोलियां बरसाईं थीं, जबकि दो बदमाशों ने बाइक पर सवार रहकर रेकी की थी। अलीगढ़ की मीट फैक्ट्री ही विवाद की मुख्य वजह सामने आई है।
पांच दिसंबर को हाजी यूनुस के काफिले पर हुए हमले के एक हमलावर को स्वाट टीम ने गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि नामजद आरोपित हारिस ने हमले की साजिश रची थी। बदमाशों ने पुलिस से बचने के लिए घटनास्थल पर सिम से कॉल करने की बजाय व्हाट्सएप कॉल का प्रयोग किया था। हालांकि कार की लोकेशन का पता करते-करते पुलिस टीम बदमाशों तक पहुंच ही गई।
दो बदमाश गैर जनपद के और दो बुलंदशहर के हमले के दौरान शामिल रहे। सिकंदराबाद के निवासी हमलावर लाखन गोली लगने से घायल हो गया था। इसके बाद हमलावर कार में सवार होकर हापुड़ होते हुए गाजियाबाद और फिर दिल्ली पहुंचे, जहां एक अस्पताल में गोली लगने से घायल हमलावर लाखन का उपचार कराया गया। इसके बाद बदमाशों ने अपने मोबाइल और कार ठिकाने लगा दी थी। कार मालिक की भी शिनाख्त हो गई है।
सात लाख में किया था असलाहों का इंतजाम
एसएसपी संतोष कुमार सिंह ने बताया कि सात लाख बतौर पेशगी दी गई थी। हमले में नौ एमएम की पिस्टल और 32 बोर की राइफल खरीदनी थी लेकिन स्थानीय बदमाश इसका इंतजाम नहीं करा पाए। जिसके बाद हारिस ने हीं असले का इंतजाम किया।
जैद और हारिश चले गए विदेश
पुलिस की जांच में पता चला कि अलीगढ़ में मीट फैक्ट्री में हुए विवाद के बाद पूरी घटना की साजिश पूर्व विधायक हाजी अलीम के चारों पुत्रों ने अपने रिश्तेदार हारिश एवं अन्य आरोपियों के साथ मिलकर तैयार की थी। योजना के तहत घटना से कुछ दिन पहले जैद और हारिश विदेश चले गए, जबकि एक अन्य आरोपी असद जमात में चला गया। एक आरोपी अनस पहले से ही जेल में था।
बुलंदशहर के पांच और गाजियाबाद के दो शूटर
हाजी यूनुस के काफिले पर हमला करने वाले बदमाशों में बुलंदशहर के पांच और गाजियाबाद के दो शूटर शामिल थे। इसमें सिकंदराबाद, कोतवाली देहात, खानपुर आदि स्थानों के शातिर बदमाश शामिल रहे। हालांकि किसी बदमाश का लंबा-चौड़ा आपराधिक इतिहास नहीं मिला है।
दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया घायल बदमाश
हाजी यूनुस के काफिले पर हमले के दौरान मुख्य शूटर लखन को गोली लग गई थी। इसके बाद उसके साथी बदमाश उसे गांव के रास्ते-रास्ते दिल्ली ले गए। दिल्ली के निजी अस्पताल में साथियों द्वारा बताया गया कि लखन ने पारिवारिक विवाद के चलते खुदकुशी का प्रयास किया, जिसके चलते उसे गोली लगी है। इस पर अस्पताल प्रशासन ने घायल लखन को भर्ती कर लिया और पुलिस को सूचना देना तक उचित नहीं समझा।
एसएसपी ने दिया 25 हजार का इनाम
एसएसपी ने घटना का खुलासा करने वाले पुलिस टीम को 25 हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा की है। एसएसपी ने बताया कि पूरा मामला बेहद गंभीर था। पुलिस टीमों द्वारा सैकड़ों मोबाइल नंबरों की जांच करने के अलावा कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला गया। दिन-रात कड़ी मेहनत के बाद ही पुलिस टीमें मुख्य शूटर को गिरफ्तार करने में सफल हो सकी।