बुलंदशहर। एक दिन पहले BSP छोड़ RLD में शामिल हुए थे हाजी युनिस, काफिले पर हुआ हमला, अंधाधुंध फायरिंग के बाद खून में लथपथ नेता को गोद में उठाकर दौड़े समर्थक , RLD ने सरकार और प्रशासन पर ट्विट कर तंज कसा

 

ब्यूरो ललित चौधरी

उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में रविवार को पूर्व ब्लॉक प्रमुख हाजी यूनुस के काफिले पर गोलीबारी की गई, जिसमें पांच लोग घायल हो गए। पुलिस ने यह जानकारी दीपुलिस ने बताया कि इस हमले के पीछे यूनुस के भतीजे अनस का हाथ होने का शक जताया गया है, जोकि वर्तमान में जेल में बंद है।

बता दें कि वह एक दिन पहले BSP छोड़ RLD में शामिल हुए थे। 5 अज्ञात हमलावरों ने उनके काफिले पर जमकर गोलियां चलाई। जिसमें एक की मौत हो गई, जबकि 4 घायल हो गए। पीड़ित की तहरीर लेकर पुलिस घटना की जांच में जुट गई है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार सिंह ने कहा कि पूर्व ब्लॉक प्रमुख के काफिले पर उस समय हमला किया गया, जब वह कोतवाली देहात क्षेत्र के भाईपुर गांव में शादी समारोह में शामिल होकर मिर्जापुर गांव लौट रहे थे। उन्होंने कहा कि कार में आए हमलावरों ने रजवाहा पुल के पास काफिले पर गोलीबारी की। हमला कराने का आरोप पूर्व विधायक व बड़े भाई मरहूम हाजी अलीम के बेटे अनस पर लगाया है जो पिता की हत्या में जेल में बंद है।



हमले के बाद घटनास्थल के वीडियो और तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों में खून ले लथपथ हाजी युनूस और उनके साथी दिखाई दे रहे हैं। घायल अवस्था में आरएलडी नेता को उनके समर्थक गोद में ही उठाकर दौड़ पड़े थे। साथ ही कुछ तस्वीरों में कार की शीशों पर गोलियों के निशान भी दिखाई दे रहे हैं।

बताते चलें कि यूनुस दो बार के बसपा विधायक रहे हाजी अलीम के भाई हैं। अलीम की साल 2018 में उनके घर पर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वह इस घटना पर राष्ट्रीय लोक दल ने दुख प्रकट किया है। पार्टी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर घटना का वीडियो साझा करते हुए उन्होंने लिखा कि बुलंदशहर में राष्ट्रीय लोकदल के नेता हाजी यूनुस के काफ़िले पर गोलीबारी की घटना दुखद है। हमले में घायल हुए हमारे सभी लोगों के जल्द स्वस्थ्य होने की कामना करते हैं।

इसके साथ ही राज्य की योगी सरकार को घेरते हुए पार्टी ने कहा कि मुख्यमंत्री आदित्यनाथ के रामराज्य में इस तरह की घटनाएं योगी जी की कुव्यवस्था को दर्शाता है। प्रदेश में अपराधियों का प्रचंड बोलबाला है, लेकिन योगी सरकार इसे रोक पाने में बिल्कुल समर्थ नहीं है। सरेआम गुंडे और कुख्यात अपराधी नेता के काफ़िले पर गोलीबारी कर देते हैं और प्रशासन सोता रह जाता है।

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