BJP छोड़ पूर्व मंत्री किरणपाल सिंह ने थामा राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) का दामन, कभी चर्चित कविता हत्या कांड में भी सामने आया था नाम

 

ब्यूरो ललित चौधरी

उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने को है, लेकिन अभी तक तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। ऐसा कहा जा रहा है कि 5 जनवरी के बाद चुनाव की तारीखों का ऐलान कभी भी हो सकता है।

ऐसे में नेता अपने सियासी भविष्य के लिए सुरक्षित ठिकाने तलाशने में जुट गए हैं और आयाराम और गयाराम का दौर भी शुरू हो गया है। इसी क्रम में कद्दावर जाट नेता व पूर्व बेसिक शिक्षा मंत्री किरणपाल सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) का दामन थाम लिया है।

किरणपाल सिंह ने मंगलवार 21 दिसंबर को दिल्ली में राष्ट्रीय लोकदल ज्वाइन कर लिया। उन्होंने आरएलडी अध्यक्ष जयंत चौधरी ने पार्टी की सदस्यता दिलाई है। 

आपको बता दें कि किरणपाल सिंह ने 22 अक्टूबर 2020 में बुलंदशहर सदर सीट पर हुए उपचुनाव से पहले समाजवादी पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का दामन थामा था। इस दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने पूर्व मंत्री किरणपाल सिंह को बीजेपी की सदस्यता दिलाई थी। बता दें, किरणपाल सिंह कभी मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। समाजवादी सरकार में मुलायम सिंह यादव ने उन्हें बेसिक शिक्षा मंत्री बनाया था।

लोकनायक जयप्रकाश नारायण आंदोलन के उपज और चौधरी चरण सिंह के कट्टर अनुयाई प्रोफेसर किरण पाल सिंह 1980 में पहली बार अगौता विधानसभा सीट से पहली बार विधायक बने थे। इस सीट से वह पांच पर विधायक चुने गए। किरण पाल सिंह मुलायम सिंह यादव की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रहे। 

बता दें, कि किरणपाल सिंह का नाम साल 2006 के सबसे चर्चित कविता हत्या कांड में भी सामने आया था। इस मामले में सीबीआई ने किरणपाल सिंह से पूछताछ भी की थी। कविता कांड ने यूपी में राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था और प्रदेश के खाद्य संसाधन मंत्री बाबू लाल को इस्तीफा देना पड़ा था।

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