बुलंदशहर। नौ माह की बच्ची से दुष्कर्म का आरोपी दोषी करार, आजीवन कारावास व अर्थदंड पांच माह में ही मिला न्याय

 

ब्यूरो ललित चौधरी

बुलंदशहर। कोतवाली खुर्जा देहात क्षेत्र के एक गांव में गत 18 जुलाई को नौ माह की मासूम बच्ची को खिलाने के बहाने अपने घर ले जाकर दुष्कर्म और कुकर्म करने वाले आरोपी को अपर सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश पॉक्सो अधिनियम डॉ. पल्लवी अग्रवाल के न्यायालय ने दोषी करार दिया है।

न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम डा. पल्लवी अग्रवाल ने मात्र पांच माह में आजीवन कारावास की सजा सुनाते हुए 50 हजार का जुर्माना भी लगाया है। अर्थदंड की समस्त धनराशि पीड़िता के परिजनों को देने के भी आदेश किए गए हैं।

यह है मामला

खुर्जा देहात क्षेत्र निवासी आरोपित राजा नौ माह की बच्ची को खिलाने के बहाने अपने घर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। घटना के बाद आरोपित बच्ची को घर छोड़ आया। काफी देर तक बच्ची का जब रोना बंद नहीं हुआ तो स्वजन ने उसे चिकित्सक को दिखाया। चिकित्सक ने बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि की। पीडि़त पक्ष की तहरीर पर थाना खुर्जा देहात पुलिस ने पाक्सो एक्ट, दुष्कर्म आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर आरोपित राजा को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। विवेचना पूर्ण कर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया। सुनवाई अपर सत्र एवं विशेष न्यायाधीश पाक्सो अधिनियम डा. पल्लवी अग्रवाल के न्यायालय में हुई। न्यायाधीश डा. पल्लवी अग्रवाल ने गवाहों के बयान, साक्ष्यों का अवलोकन और दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की दलील सुनने के बाद राजा को दोषी मानते हुए उम्रकैद और 50 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई।

ये गवाह हुए पेश

मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से आरोपी के खिलाफ कुल सात गवाह पेश किए गए। प्रथम गवाह के रुप में बच्ची की मां, दूसरा गवाह बच्ची की दादी, तीसरा गवाह चिकित्सक डॉ. सुधा शर्मा, थानाध्यक्ष विवेचक नीरज कुमार, महिला कांस्टेबल प्रियंका शर्मा, डॉ. गौरव गुप्ता व एक अन्य को पेश किया गया।

मुझसे गलती हो गई, माफ कर दो

सजा सुनाए जाने के बाद आरोपी राजा ने कहा कि उससे गलती हो गई है, उसे माफ कर दिया जाए। वहीं, अभियुक्त की ओर से उसके कम उम्र होने और सजा कम किए जाने की भी अपील की गई।

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