यूपी। सड़क हादसे में हुई दो बच्चों की मौत, पोस्टमार्टम हाउस में शव बदलने पर हुआ हंगामा, जानिए क्या है पूरा मामला

 

ब्यूरो ललित चौधरी

बुलंदशहर। सड़क दुर्घटना में मृत दो बच्चों के शव पोस्टमार्टम हाउस पर बदल गए। एक बच्चे का पोस्टमार्टम करने के बाद शव दूसरे बच्चे के परिजनों को सौंप दिया गया। इसके बाद परिजनों ने भी रात में ही बच्चे को दफना दिया। 

बृहस्पतिवार सुबह दूसरे बच्चे के परिजन पहुंचे और कपड़े देखकर अपना बच्चा न होने की बात कहने लगे। इस पर कर्मचारियों के होश उड़ गए। परिजनों ने जमकर हंगामा शुरू कर दिया। बाद में पुलिस ने मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझा बुझाकर शांत कराया।

बताया जाता है कि बुधवार रात को खुर्जा क्षेत्र की अलीगढ़ चुंगी पर बस की टक्कर से बाइक सवार एक महिला जन्नत और ढाई वर्षीय बच्चे समद की मौत हो गई थी। पुलिस ने मौके पर कार्रवाई करते हुए शव को पोस्टमार्टम हाउस में रखवाया था। वहीं, नगर के मोहल्ला फैसलाबाद में घर के बाहर खेलने के दौरान दो वर्षीय आतिफ को कार ने कुचल दिया था। नगर पुलिस ने भी बच्चे के शव को पोस्टमार्टम हाउस पर रखवाया था। फैसलाबाद निवासी आतिफ के परिजनों की मांग पर बच्चे का रात में ही पोस्टमार्टम कराने की व्यवस्था की गई थी। 

इस दौरान पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ ने लापरवाही करते हुए आतिफ के स्थान पर समद के शव का पोस्टमार्टम करते हुए आतिफ के परिजनों को सौंप दिया। इसके बाद परिजनों ने समद के शव को देर रात करीब डेढ़ बजे दफना दिया। सुबह समद के परिजन पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे और समद के पोस्टमार्टम की मांग की। जब स्टाफ पोस्टमार्टम के लिए शव ले जा रहे थे तो परिजनों ने बच्चे के कपड़े से पहचान की और समद का शव न होने की बात कहते हुए हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर हंगामा बढ़ता देखकर स्टाफ ने आनन-फानन आतिफ के परिजनों को मौके पर बुलाया। इसके बाद उन्होंने बच्चे के शव की पहचान आतिफ के तौर पर की।

लापरवाही उजागर, परिजनों में रोष

बताया जाता है कि पोस्टमार्टम हाउस के स्टाफ की लापरवाही के कारण समद के परिजन अपने बच्चे को आखिरी बार नहीं देख सके। इसको लेकर परिजनों में काफी रोष है। बताया जा रहा है कि समद अपने परिवार में अकेला था। उसके पिता की दो वर्ष पूर्व बीमारी के कारण मौत हो चुकी है। ऐसे में समद की मां और अन्य परिजनों की बच्चे को आखिरी बार निहारने की उम्मीदों पर पानी फिर गया। दोनों पक्षों के लोगों के बीच सहमति बनने के बाद आतिफ के शव को भी नगर के कब्रिस्तान में दफना दिया गया।

रोशनी की नहीं रहती पर्याप्त व्यवस्था

पोस्टमार्टम हाउस पर रोशनी के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं रहती है। पोस्टमार्टम के लिए आने वाले शव अंधेरे कमरे में ही रखे जाते हैं, जहां पर्याप्त रोशनी नहीं रहती। घटना की जानकारी होने के बाद लोगों का कहना है कि कर्मचारी की लापरवाही उजागर होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अभी तक जांच में जुटे हैं।

घर के बाहर खेलते समय कार की चपेट में आया था आतिफ

नगर के मोहल्ला फैसलाबाद में एक कार ने बच्चे को कुचल दिया। परिजन बच्चे को लेकर अस्पताल पहुंचे, लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मोहल्ला फैसलाबाद निवासी आजाद ने बताया कि उसका दो वर्षीय बेटा आतिफ बुधवार देर शाम घर के बाहर खेल रहा था। इसी दौरान एक कार ने उसे कुचल दिया। दुर्घटना में बच्चे का चेहरा बुरी तरह से खराब हो गया था। शिकायत के आधार पर नगर कोतवाली पुलिस ने कार चालक के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है।

लापरवाही किस स्तर पर हुई है होगी जांच

पोस्टमार्टम करने के बाद टीम संबंधित पुलिस को शव सौंपती है। लापरवाही किस स्तर पर हुई है, इसकी जानकारी की जा रही है। - डा. विनय कुमार सिंह, सीएमओ

दोनों पक्षों में हो गया समझौता

दो बच्चों के शव पोस्टमार्टम हाउस पर बदल गए थे। परिजनों के हंगामा के दौरान मौके पर पुलिस भेजी गई थी। दोनों पक्षों में बाद में समझौता हो गया, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं की गई है। - संजीव कुमार शर्मा, नगर कोतवाली प्रभारी



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