यूपी। मुर्दा समझकर जिसे मोर्चरी में लिटा दिया गया था, सुबह पोस्टमार्टम से पहले उठ खड़ा हुआ

 

ब्यूरो ललित चौधरी

यूपी के मुरादाबाद में एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है, यहां सड़क हादसे में घायल एक व्यक्ति को जब स्थानीय पुलिस कांठ रोड के निजी विवेकानंद अस्पताल लेकर पहुंची तो वहां अस्पताल के इमरजेंसी में तैनात डॉक्टरों ने घायल युवक को मृत घोषित कर दिया।

जिसके बाद पुलिस घायल शक़्स को नियमानुसार जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जहां जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने भी उस शख्स को मृत घोषित कर उसे मुर्दा मानते हुए अस्पताल के पास बने मोर्चरी में रखवा दिया। पूरी रात सड़क हादसे का शिकार युवक जिंदा होने के बावजूद सिस्टम के कुछ लोगों की लापरवाही की वजह से मुरादाबाद की मोर्चरी में ठंड में लेटा रहा।

घायल युवक की तलाशी में पुलिस को मिले ड्राइविंग लाइसेंस से यह जानकारी मिली थी कि इस शक़्स का नाम श्रीकेश है और वह हजरत नगर गढ़ी थाना इलाके का रहने वाला है. पुलिस ने जब उसके घर पर संपर्क किया तो पता चला कि श्रीकेश अब मुरादाबाद के लाइनपार इलाके में रहता है। हादसे में श्रीकेश की मौत की सूचना मिलते ही परिजनों में मातम पसर गया था। परिजन रोते हुए मोर्चरी पहुंच गए और रात भर वहां आग जलाकर ठंड में बैठे रहे।

सुबह जब स्थानीय पुलिस शव का पंचनामा करने परिजनों को लेकर मोर्चरी पहुंची और जैसे ही मोर्चरी का दरवाजा खोलकर श्रीकेश के पास पहुंचे तो देखा कि जिस श्रीकेश को दो-दो अस्पतालों के डॉक्टरों ने मुर्दा घोषित कर मोर्चरी में रखा था. उसकी सांसे चल रही हैं, इसके बाद वहां हड़कंप मच गया परिजन तुरंत मुर्दाघर से श्रीकेश को उठाकर जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां श्रीकेश का डॉक्टर ने इलाज शुरू कर दिया है. सड़क हादसे का शिकार श्रीकेश के जिंदा होने के बाद परिजन ऊपर वाले का तो शुक्र अदा कर ही रहे हैं लेकिन इसके साथ-साथ वह निजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल और उन पुलिसकर्मियों को भी कोस रहे हैं।

जिन्होंने उनके परिवार के जिंदा शक़्स को मुर्दा घोषित कर मोर्चरी में रखवा दिया था, वह तो गनीमत ये रही के पूरी रात घायल अवस्था में पड़े रहने के बाद भी श्रीकेश की सांसे चल रही थी और अब डॉक्टर भी यह उम्मीद जता रहे हैं कि श्रीकेश बच जाएंगे लेकिन परिजन निजी अस्पताल और सरकारी अस्पताल के साथ ही उन पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही की मांग भी कर रहे हैं. जिन्होंने सड़क हादसे में घायल उनके परिवार के सदस्य को मृत घोषित कर घायल अवस्था में मोर्चरी में रख दिया।

जहां इलाज ना मिलने की वजह से अगर श्रीकेश की मौत भी हो सकती थी, तो किसी को शायद कभी ये पता भी नहीं चलता कि श्रीकेश की मौत दरअसल एक्सीडेंट में नही बल्कि एक्सीडेंट के बाद इलाज ना मिलने की वजह से पूरी रात मोर्चरी में लेटे रहने की वजह से हुई है, फिलहाल इस मामले में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी इस पूरे मामले में जांच करने की बात तो कह रहे हैं , पुलिस के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं।

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