रिपो० राजेश शर्मा
शिकारपुर। पॉक्सो अदालत के फैसले से परिवार के लोगों में खुशी है। बच्ची के परिजनों ने इसे न्याय की जीत बताया है। उच्च न्यायालय और अन्य अपीलीय न्यायालयों से दोषी पर रहम न बरतने की अपील की है।
मृतक बच्ची के पिता दो भाई हैं, जो संयुक्त परिवार में रहते हैं। बच्ची अपने पिता की इकलौती संतान थी। इसके चलते परिवार के सभी लोग उसे बहुत प्यार करते थे। प्रेमपाल को फांसी की सजा सुनाए जाने की जानकारी मिलने पर बच्ची की दादी बोलीं- उसने जैसा किया उसे वैसी सजा मिली है। यह कहते हुए वह बच्ची की याद कर वह भावुक हो गईं।
दो दिन बाद तालाब में मिला था बच्ची का शव
10 जुलाई को बच्ची लापता हुई थी। घटना के बाद मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार भी गांव पहुंचे थे। पुलिस ने गांव के आसपास के खेत, घरों की छतों, रजवाहा और तालाब में भी बच्ची को तलाश करवाया था, लेकिन बच्ची का कोई पता नहीं चला था।
12 जुलाई की सुबह करीब 11 बजे गांव के एक युवक ने बच्ची का शव तालाब में देखा था। तालाब किनारे उपजी घास के ऊपर बच्ची के हाथ दिखाई दे रहे थे। इसके बाद ग्रामीणों ने बच्ची का शव बाहर निकाला था। शव के ऊपर एक कपड़ा पड़ा हुआ था।
डाग स्क्वाड की टीम भी पहुंची थी
बच्ची का शव तालाब से मिलनेे के बाद आरोपी की पहचान कराने के लिये पुलिस के अलावा फोरेंसिक और डॉग स्क्वाड भी मौके पर पहुंचा था। जिसकी मदद से आरोपी का पता लगाने का प्रयास किया गया था।