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अलीगढ़ :- मुस्लिम यूनिवर्सिटी के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एक नवजात शिशु की सर्जरी के दौरान, उसके दिल और फेफड़े 110 मिनट तक बंद रहे, फिर भी डॉक्टरों ने बच्चे को बचा लिया और बच्चा चंगा हो गया.
जानकारी के मुताबिक एएमयू के मेडिकल कॉलेज के कार्डियोथोरासिक सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने हाथरस निवासी वकील और उनकी पत्नी के नवजात बेटे को बचा लिया. नवजात शिशु के जन्म से दिल में एक छेद था. बच्चे के हृदय से रक्त ले जाने वाली धमनियां उलट गई थीं यानी स्थानांतरित हो गईं थीं. निजी अस्पतालों में अत्यधिक खर्चे और सरकारी अस्पतालों में वेटिंग से परेशानी बढ़ने लगी.
नवजात की त्वचा सांस लेने में तकलीफ के साथ नीली पड़ने लगी. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम योजना के अन्तर्गत कार्डियोथोरेसिक सर्जनों प्रो मोहम्मद आजम हसीन अध्यक्ष, कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग, डॉ मयंक यादव, डॉ सैयद शामयाल रब्बानी ने बच्चे की दुर्लभ सर्जरी की. शिशु के दिल में छेद को बंद कर दिया गया. शिशु अब ठीक है और जल्द ही उसे छुट्टी दे दी जाएगी.
110 मिनट तक दिल- फेफड़े बंद होने के बाद ऐसे हुआ चमत्कार- डॉ मयंक यादव ने बताया कि बच्चे का वजन केवल 2.8 किलोग्राम था. सर्जरी के दौरान बच्चे के दिल और फेफड़े 110 मिनट के लिए बंद हो गए थे. बच्चे को एनिस्थिसीया दिया गया था, जिसके बाद बच्चे को होश आ गया और बच्चा स्वस्थ हो गया.
एएमयू कुलपति ने चिकित्सकों की दी बधाई- सर्जनों की टीम को बधाई देते हुए एएमयू के कुलपति प्रोफेसर तारिक मंसूर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जेएनएमसी में 500 से अधिक कार्डियक सर्जरी अंजाम दी गई है।