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अलीगढ़ : 19 अक्तूबर को पालीमुकीमपुर थाने के गांव कल्याणपुर खेड़ा से अपहृत 11 वर्षीय मासूम का शव बरामद हो गया है। रिश्ते की चाची को सबक सिखाने के लिए बच्चे का अपहरण करने के बाद उसी दिन आरोपी ने हत्या कर दी। गांव से सात किलोमीटर दूर रामघाट में झाड़ियों के बीच गड्ढा खोदकर शव को दबा दिया था। मासूम का हत्यारा कोई और नहीं बल्कि वही किशोर है जिसने दो दिन पहले अपने अपहरण का स्वांग रचा और अपने मामा को फोन कर साढ़े तीन लाख रुपये की फिरौती मंगवाई थी।
कल्याणपुर खेड़ा निवासी अमर सिंह के 11 वर्षीय पुत्र अजय का 19 अक्तूबर को अपहरण हुआ था। 23 अक्तूबर को अमर सिंह के दरवाजे पर चिट्ठी मिली थी। उसमें अजय को छोड़ने के एवज में चार लाख रुपये की फिरौती मांगी गई थी। फिरौती की धनराशि पहुंचाने का पता गुजरात का दिया गया था। इसी परिवार के एक किशोर ने अपने अपहरण का नाटक रचा जिसे उसके गांव गोविंदपुर गनेशपुर निवासी दोस्त के साथ पुलिस ने डिबाई थाना क्षेत्र के एदलपुर गांव में सरसों के एक खेत से शनिवार को बरामद कर लिया था। पूछताछ में उसने पुलिस को मनगढ़ंत कहानियां सुनानी शुरू कीं तो उस पर शक गहराता चला गया। गहनता से पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि अजय की मां रिश्ते में उसकी चाची लगती है। चाची से रुपयों के लेनदेन का विवाद था। चाची अक्सर उसे और उसकी मां से अपने बच्चों और उसकी तुलना कर ताने देती थी। चाची को सबक सिखाने के लिए गांव निवासी अपने एक साथी की मदद से उसने चाची के बेटे अजय को अगवा कर लिया। गांव से सात किलोमीटर दूर बुलंदशहर के रामघाट ले गया। वहां गला दबाकर हत्या करने के बाद शव को झाड़ियों के बीच गड्ढे में गाड़ दिया था।
इसके बाद पुलिस को गुमराह करने के लिए 23 अक्तूबर को अमर सिंह के घर के बाहर गली में एक कागज पर गुजरात का पता लिखकर बच्चे की फिरौती मांगी थी, ताकि ये पता न चल सके कि अजय की हत्या हो चुकी है।
दोनों आरोपियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई। उनकी निशानदेही पर बुलंदशहर के रामघाट क्षेत्र में एक जगह झाड़ियों के बीच जमीन में गाड़े गए अजय के शव को बरामद कर लिया गया है। एक माह से शव जमीन में गड़े होने से क्षत-विक्षत स्थित में बरामद हुआ। उसे पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। हत्या के दोनों आरोपियों और अपहरण का स्वांग रचने में साथ देने वाले आरोपी को सोमवार को न्यायालय में पेश किया जाएगा।
-रामवकील, थाना प्रभारी पालीमुकीमपुर।
अजय की तलाश में 300 से ज्यादा सीसीटीवी फुटेज देखे
11 वर्षीय अजय के अपहरण का पत्र परिवार के पास पहुंचने के बाद सक्रिय हुई पुलिस ने कल्याणपुर खेड़ा गांव के 200 से अधिक लोगों से गहनता से पूछताछ की। मुख्य मार्ग, रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड समेत सीमावर्ती जनपदों के 300 से अधिक सीसीटीवी कैमरों की फुटेज पुलिस ने देखी। हालांकि कहीं भी अजय का पता नहीं चल पा रहा था। गुजरात व लखनऊ पुलिस से भी पालीमुकीमपुर पुलिस ने संपर्क साधा लेकिन वहां से भी कुछ हाथ नहीं लगा। इसी बीच अजय की हत्या का आरोपी अपने ही बुने गए जाल में स्वयं फंस गया।
सिर चढ़कर बोला अपराध, स्वयं ही फंस गया हत्यारा
अजय की हत्या और सभी को गुमराह करने के लिए फिरौती का पत्र फेंकने के बाद आरोपी किशोर को शक था कि पुलिस उसे पकड़ लेगी। वहीं गांव के निवासी रिश्ते के एक दूसरे चाचा से उसने दूध का कारोबार करने के लिए 50 हजार रुपये उधार ले रखे थे। कारोबार में घाटा होने के बाद से उधारी चुकाने की भी चिंता थी। ऐसे में अजय के दरवाजे फिरौती का पत्र डालने के बाद उसे स्वयं के अपहरण का स्वांग रचने का आइडिया दिमाग में आया। उसने दूसरे गांव निवासी अपने एक अन्य दोस्त के साथ मिलकर अपहरण की झूठी कहानी रची और लापता हो गया। अपने मामा के मोबाइल पर दोस्त से फोन करवाकर साढ़े तीन लाख रुपये की फिरौती मांगी। 19 अक्तूबर को अपहृत अजय के लिए भी फिरौती के पत्र में चार लाख रुपये की फिरौती की बात लिखी थी। इससे पुलिस को शक हुआ कि कहीं दोनों मामले एक-दूसरे से जुड़े तो नहीं है। यही वजह है कि पुलिस ने आरोपी से सख्ती दिखाई तो वह टूट गया। उसने बताया कि चाची को सबक सिखाने के लिए गांव निवासी अपने किशोरवय दोस्त के साथ मिलकर चाची के बेटे अजय की हत्या कर दी थी।