अलीगढ़ | आशा कार्यकर्ता की मौत, हंगामे के बीच स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमल को भेजा जेल

 

डेस्क समाचार दर्पण लाइव

अलीगढ़ : क्वार्सी क्षेत्र की स्वर्ण जयंती नगर कॉलोनी में नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी के घर पर आग लगने से बुरी तरह जली महिला आशा कार्यकर्ता की सोमवार सुबह जेएन मेडिकल कॉलेज में मौत हो गई। इस खबर पर मायका पक्ष के लोग पहले मेडिकल कॉलेज और फिर पोस्टमार्टम केंद्र पहुंच गए, जहां उन्होंने हंगामा किया। बाद में पुलिस द्वारा समझाने और डॉक्टर के जेल भेजे जाने का वीडियो दिखाया, तब जाकर परिवार शांत हुआ और शव को अपने साथ कासगंज ले गए। पुलिस ने इस घटना को आत्महत्या करार दिया है और डॉक्टर को इसका जिम्मेदार मानते हुए जेल भेजा है।

कमल सिंह


वाकया बीते सोमवार की रात करीब 12 बजे का है, जब नगर निगम के नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. कमल सिंह के घर के बरामदे में पड़ोसियों ने महिला को जलते हुए देखा। आग की लपटों से घिरी महिला को पुलिस बुलाकर बचाया गया और जेएन मेडिकल कॉलेज भेजा गया। इस दौरान महिला ने डॉक्टर की पत्नी पर फोन करके घर बुलाकर पेट्रोल छिड़ककर आग लगाने का बयान पुलिस को दिया। महिला की पहचान छर्रा सीएचसी पर तैनात आशा कार्यकर्ता विमला निवासी देवसैनी गोकुलेशपुरम, क्वार्सी के रूप में हुई।

खुद केन लेकर डॉक्टर के घर जाती देखी गई महिला

महिला द्वारा लगाए गए आरोप के अनुसार खबर पर यहां पहुंचे उसके पिता भूपालगढ़ी ढोलना कासगंज निवासी हरद्वारी सिंह ने डॉक्टर पर साजिश रचने व उसकी पत्नी पर हत्या करने का मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया था। मगर जांच में मिले साक्ष्यों के आधार पर घटना आत्महत्या की ओर बढ़ रही थी। एक सीसीटीवी में घटना से कुछ देर पहले हाथ में केन लिए महिला डॉक्टर के घर की ओर जाते कैद पाई गई। उसी दिशा में पुलिस जांच कर रही थी।

सोमवार सुबह हो गई थी मौत

इधर, 80 फीसदी जली महिला ने उपचार के दौरान सोमवार सुबह दम तोड़ दिया। इस बीच जैसे ही खबर पर मायके वाले पहुंचे और पुलिस शव को पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगी तो उन्होंने हंगामा शुरू कर दिया। वे डॉक्टर व उसकी पत्नी को गिरफ्तार कर जेल भेजने की जिद पर अड़ गए। किसी तरह सीओ तृतीय व इंस्पेक्टर क्वार्सी परिवार को समझाकर शव को पोस्टमार्टम हाउस तक लेकर आए। यहां परिवार की मांग पर वीडियोग्राफी के बीच तीन डॉक्टरों के पैनल की मदद से पोस्टमार्टम कराया गया।

हंगामा कर अंतिम संस्कार नहीं करने पर अड़े

इसके बाद फिर शव पोस्टमार्टम केंद्र के बाहर रखकर हंगामा शुरू कर दिया। कहने लगे कि उनके जेल जाने तक शव का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे। इस पर सीओ व इंस्पेक्टर ने समझाते हुए उन्हें वीडियो दिखाया कि डॉक्टर को जेल भेज दिया गया है। तब जाकर परिवार शांत हुआ और शव को अपने साथ कासगंज ले गए। सीओ श्वेताभ पांडेय के अनुसार अब तक की जांच में ये आत्महत्या का मामला समझ में आया है। डॉक्टर इसके लिए जिम्मेदार है। इसीलिए आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की धारा में डॉक्टर को जेल भेजा गया है।

पति नहीं आया सामने, परिवार के खिलाफ थी आशा

सीओ के अनुसार पुलिस जांच में अब तक साफ हुआ है कि महिला व नगर स्वास्थ्य अधिकारी के बीच दोस्ती से महिला का पति बेहद खफा था। इसी वजह से वह अलग रहता है और खबर मिलने व पुलिस के बुलाने के बाद भी अभी तक यहां मिलने नहीं आया। मौत की खबर पर भी नहीं पहुंचा है। मायके में भी भाई उसके विरोध में थे। ये बात खुद पिता ने पुलिस को पहले ही दिन बताई थी कि पिछले दिनों डॉक्टर के कहने पर महिला ने अपने परिवार के खिलाफ पुलिस को तहरीर तक दे दी थी। पुलिस उस तहरीर को जांच का हिस्सा बनाने जा रही है।

वैज्ञानिक व विधिक तरीके से जुटाए जाएं साक्ष्य:एसएसपी

आशा कार्यकर्ता की नगर स्वास्थ्य अधिकारी के घर आग लगने और बाद में मौत होने के मामले में अब तक की जांच में साफ हो गया है कि यह आत्महत्या का मामला है। प्रारंभिक तौर पर यह भी साफ है कि महिला के इस कदम के लिए डॉक्टर उसे उकसाने या उत्पीड़न करने का जिम्मेदार है। इस आधार पर उसे जेल भेजा गया है। मगर अभी साक्ष्यों को और मजबूती से संकलित करने के निर्देश सीओ व इंस्पेक्टर को दिए गए हैं। यह कहना है एसएसपी कलानिधि नैथानी का।

उन्होंने बताया कि पुलिस टीम को अब तक सीसीटीवी व फॉरेंसिक मदद से जो साक्ष्य मिले हैं, उनका वैज्ञानिक तरीके से सत्यापन कराने व विधिक राय लेने के निर्देश दिए हैं। साथ में अन्य साक्ष्यों को भी संकलित करने के निर्देश दिए हैं, जिनमें ये सवाल जरूरी हैं कि आखिर डॉक्टर अपने घर से अलग क्यों रहता था। उसके पास महिला आशा आती थी तो कब, कहां, कैसे आती थी। घटना के दिन डॉक्टर के बयान के अनुसार महिला आशा व डॉक्टर के बीच क्या झगड़ा हुआ। इसके बाद वह सीधे डॉक्टर के घर ही क्यों पहुंची आदि सवालों पर भी जवाब तलाशने को कहा गया है। बता दें कि सीसीटीवी फुटेज में महिला अकेले जाते दिखाई दी है। मगर उसने पुलिस को बताया था कि उसे डॉक्टर की बीवी ने जलाया है।

महिला की जलने से मौत के मामले में नगर स्वास्थ्य अधिकारी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने का आरोपी मानकर जेल भेजा गया है। बाकी आगे तथ्यों की वैज्ञानिक तरीके से जांच व विवेचना के निर्देश दिए हैं। जिन पर विधिक राय भी ली जाएगी।

-कलानिधि नैथानी, एसएसपी

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