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अलीगढ़ : जीवन ज्योति अस्पताल में पित की थैली का ऑपरेशन कराने वाले उद्यमी की रविवार को मौत हो गई। उद्यमी की मौत से गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने अस्पताल प्रबंधन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए रात को शव जीटी रोड पर रखकर जाम लगा दिया। सारसौल चौराहे से लेकर कठपुला तक जाम लग गया। पुलिस अधिकारी आनन फानन में सारसौल पहुंचे और परिजनों को समझाकर मुश्किल से जाम खुलवाया। परिजन अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर देररात तक शव लेकर बैठे रहे। उधर वाहनों की लंबी कतार लग गई। रोडवेज बसों को खेरेश्वर चौराहे से निकाला गया जबकि हजारों की संख्या में वाहन सड़क पर फंसे रहे। परिजन डाक्टर की गिरफ्तारी की मांग पर अड़े थे।
खैर तहसील के ककोला निवासी सत्यदेव शर्मा की तालानगरी में हार्डवेयर की फैक्ट्री है। सत्यदेव शर्मा ने 27 सितंबर को सारसौल स्थित जीवन ज्योति अस्पताल में पित की थैली का ऑपरेशन कराया था। परिजनों का आरोप है कि बेहोशी की खुराक अधिक दे दी गई, जिससे उनको 24 घंटे तक होश नहीं आया। हालात बिगड़ने पर अस्पताल वालों ने नोएडा के एक अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। नोएडा के अस्पताल में केयर समरी में हैवी डोज देने की पुष्टि की गई है। नोएडा के अस्पताल में उपचार चला, लेकिन सुधार नहीं हुआ। बेहोशी की भारी खुराक देने उद्यमी कोमा में चला गया था। रविवार की उद्यमी की मौत हो गई। उद्यमी की मौत पर गुस्साए परिजनों व ग्रामीणों ने रविवार की रात को सारसौल स्थित जीवन ज्योति अस्पताल पर शव लेकर पहुंच गए। शव को अस्पताल के बाहर जीटी रोड पर रखकर जाम लगा दिया। महिलाएं शव के पास बैठकर विलाप कर रही थीं और ग्रामीणों ने दोनों ओर ट्रैक्टर ट्राली लगाकर जीटी रोड को जाम कर दिया। जीटी रोड जामकर ग्रामीण व परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। अस्पताल के बाहर घंटों जमकर हंगामा हुआ। आनन फानन में पुलिस प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। जाम लगाने वालों को समझाने का प्रयास किया लेकिन पुलिस की बात नहीं मानी। अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ मुकदमा, डाक्टर व एनेस्थीसिया की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ रहे। एसपी सिटी समेत बन्ना देवी थाने की पुलिस ने परिजनों व ग्रामीणों को समझा कर मुश्किल से जाम खुलवाया। देररात जाकर जाम खुल पाया। जीटी रोड पर भीषण जाम लगने से लोग चार घंटे तक परेशान रहे। जीवन ज्योति अस्पताल में लापरवाही के मामले पहले भी सामने आ चुके हैं।
वाहन चालक रहे परेशान
-जाम लगने से वाहन चालक परेशान रहे। सारसौल बस अड्डे की बसें भी जाम में फंसी रहीं। उनको खेरेश्वर चौराहे से मुश्किल से डायवर्ट किया गया। करीब चार घंटे तक लोग जाम के झाम से जूझते रहे। जीटी रोड जाम होने से अफसरों की सांसे फूल गई थी। जगह नहीं मिलने पर लोग शहर की गलियों से होकर निकलना शुरू कर दिए। हालांकि भारी वाहन देररात तक फंसे रहे।
परिजनों का अस्पताल पर लापरवाही का आरोप
-रविवार को सारसौल शव रखकर सड़क जाम कर रहे परिजनों का आरोप है कि 27 सितंबर को उद्यमी सत्यदेव शर्मा हाल निवासी तालानगरी को पित्त की थैली के ऑपरेशन के लिए भर्ती किया गया था। बेटे प्रिंस शर्मा ने बताया फीस और जरूरी कार्रवाई के बाद मरीज को भर्ती कर लिया गया। 29 सिंतबर को आपरेशन थिएटर मे ले गए। देर शाम तक वार्ड में शिफ्ट न करने के कारण परिजनों को डर लगा। कई बार डॉक्टरों से पूछने के बाद भी नहीं बताया। एक कर्मचारी पर दबाव देने पर पता चला कि सत्यदेव शर्मा कोमा में चले गए हैं। परिजनों ने बताया कि ऑपरेशन से पहले अस्पताल ने उनसे किसी फॉर्म पर हस्ताक्षर नहीं कराया था। पर जैसे ही कोमा में जाने की बात आई तो परिजनों से हस्ताक्षर कराया। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही के कारण उद्यमी की मौत हुई है। पुलिस आरोपी डाक्टर को गिरफ्तार कर जेल भेजे और जुर्माना दिया जाए।
नोएडा के लिए किया रेफर
-उद्यमी के बेटे प्रिंस ने बताया कि कोमा में सत्यदेव के जाने के बाद अस्पताल ने आनन फानन में हमें हटाने के लिए नोएडा के एक अस्पताल में रेफर कर दिया। जिसके एंबुलेंस का पैसा भी परिजनों से लिया गया। नोएडा के अस्पताल में तीन दिन भर्ती रहने बाद रविवार को निधन हो गया। जिसके बाद परिजन शव के साथ अलीगढ़ के निजी अस्पताल पर कार्रवाई को लेकर हंगामा किया।
अस्पताल की समरी में हैवी डोज का जिक्र
अलीगढ़ के उद्यमी सत्यदेव शर्मा का अलीगढ़ में तीन दिन उपचार किया गया। रेफर के समय मरीज की समरी परिजनों को अगले इलाज के लिए दिया जाता है। पर अलीगढ़ के अस्पताल द्वारा कोई समरी नहीं दी गई। बेटे प्रिंस ने बताया कि नोएडा अस्पताल द्वारा ट्रीटमेंट की समरी प्रदान की की गई है, जिसमें कोमा में जाने का कारण बेहोशी की दवा का हैवी डोज पाया गया है।
अस्पताल के बाहर मौके पर पुलिस तैनात
परिजनों और उद्यमियों द्वारा कार्रवाईकी मांग को लेकर चल रहे प्रदर्शन की सूचना पर पुलिस पहुंची। पुलिस को परिजनों ने कार्रवाई को लेकर तहरीर दी। पुलिस अभी मौके पर तैनात है। बता दें कि मृतक सत्देव अलीगढ़ के सम्मानित उद्यमी थे, जिनसे मिलने एक दिन पहले तालानगरी के सभी उद्यमी नोएडा के अस्पताल गए थे।
परिजनों द्वारा स्वास्थ्य विभाग को शिकायत दी जाती है तो विभाग कार्रवाई करने को तैयार है। शिकायत आने के बाद मृकत का पोस्टमार्टम कराकर वजह की जांच की जाएगी।
डॉ. आनंद उपाध्याय