डेस्क समाचार दर्पण लाइव
जो नौनिहालों घर से स्कूली ड्रेस में सुबह सज-संवरके, कंधे पर बैग टांग निकलते हैं। उनके मां-पिता के मन में उम्मीद रहती है कि उनका बच्चा स्कूल में जाकर पढ़ाई-लिखाई करेगा। मगर, इस पढ़ाई-लिखाई को कराने की जिम्मेदारी संभालने वाले शिक्षक नौनिहालों से नाली, स्कूल परिसर की सफाई करवाते हैं। ताजा मामला सोमवार का है। विष्णुपुरी स्थित प्राथमिक कन्या पाठशाला-१४, जिसके परिसर में तीन विद्यालय (बालक पाठशाला-39, कन्या पाठशाला-22 और कन्या पाठशाला-14) संचालित हैं। इसके शिक्षक छात्रों से नाली की सफाई करा रहे थे। रोटरी क्लब अलीगढ़ की टीम विद्यालय में हैंड वॉश कराने के लिए पहुंची थी। यह वाकया देख सभी सन्न रह गए। शिक्षिका ने आनन-फानन में बच्चों को स्कूल के भीतर भेज दिया।
स्कूल परिसर में रविवार रात को हुई बारिश के चलते जलभराव हो गया था। इस जलभराव को परिसर से बाहर करने के लिए कोई मजदूर बुलाने या नगर निगम को जानकारी देने की बजाए एक शिक्षिका ने बच्चों को ही सफाई कर्मी बना दिया। बच्चे हाथ में गिट्टी, खुरपी लेकर नाली करने के साथ ही परिसर में भरे पानी को बाहर निकालने के लिए रास्ता बनाने लगे। शिक्षिका खुद खड़े होकर नौनिहालों से यह काम करा रही थी।
जिम्मेदार खामोश, अंधेरे में शिक्षा
परिसर में संचालित तीनों विद्यालयों के कक्षा एक से पांच तक के बच्चों के लिए में सिर्फ चार कमरे हैं। कमरों की संख्या कम होने के चलते विद्यालय में बरामदे में कक्षाएं लगाई जाती हैं। विद्यालय में विद्युत कनेक्शन भी नहीं है। शौचालय भी टूटे-फूटे पड़े हैं। पेयजल के नाम पर एक हैंडपंप लगा है। बंदरों की समस्या यहां सालों से चली आ रही है। इसके बाद भी जिम्मेदार आंखें बंद किए रहते हैं।
वर्जन
बच्चों से नाली सफाई का मामला संज्ञान में नहीं है। मामले की मंगलवार को मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में जो भी सामने आएगा, उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।
- सतेंद्र कुमार, बीएसए