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अलीगढ़ : थाना बन्नादेवी क्षेत्र की पाश कालोनी राजनगर में माँ की गोली मारकर हत्या करने वाले युवक को पुलिस ने रविवार को जेल भेज दिया। इसने आठ दिन पहले ही मा व पिता की हत्या की योजना बना ली थी।
इसके लिए तमंचा ले आया था, तब स्वजन ने छुड़ा लिया था। लेकिन, इसके इरादे बदले नहीं। शराब के लिए पैसे और गाड़ी को लेकर विवाद था। इसके चलते शनिवार की रात सबसे पहले पिता पर ही तमंचा ताना, लेकिन उन्होंने बचकर जान बचा ली थी। बीच बचाव के लिए मा आई तो उसे गोली मार दी। पुलिस ने आरोपित से तमंचा व कारतूस जब्त किए हैं।
मूल रूप से खैर के अहरौला निवासी नैपाल सिंह गभाना में मंडी इंस्पेक्टर के पद पर तैनात हैं और चार बच्चों के पिता हैं। वे खैर बाईपास रोड स्थित राजनगर कालोनी में परिवार के साथ रहते हैं। दूसरे नंबर का बेटा अजय उर्फ कान्हा नशे का आदी और आपराधिक किस्म का है। बताते हैं कि इसका स्वजन से आए दिन विवाद होता रहता था। शराब के नशे में हंगामा करता था। अजय को शराब का नशा महंगे खान-पान का शौक था। इसके लिए मा-बाप से रोज खर्चे को रुपये मागता था। उसे घर वालों की बेवजह की रोक-टोक पसंद नहीं थी। इसका वह लगातार विरोध करता था। मा कुसुम देवी इसका विरोध करती थी। इसीलिए अजय को वह हमेशा खटकती थी। एसपी सिटी कुलदीप सिंह गुनावत ने बताया कि अजय ने शनिवार रात नशे में मा से स्कार्पियो कार की चाबी के साथ ही शराब के लिए रुपये मागे थे। विरोध पर विवाद हो गया। गुस्से में पहले पिता नैपाल सिंह को मारने की कोशिश की थी। किसी तरह उन्होंने छिपकर खुद को बचाया। इस बीच मा कुसुम देवी बीच में आई तो अजय ने उन्हें गोली मार दी। पूछताछ में अजय ने स्वीकारा है कि उसने आठ दिन पहले की पिता व मा की हत्या की योजना बना ली थी। तब स्वजन ने किसी तरह धक्का देकर अजय से तमंचा छीन लिया था।
फेंफड़ों में फंसी गोली ने ली जान
पोस्टमार्टम करने वाले डाक्टरों के अनुसार तमंचे से चली गोली आरोपित की मा कुसुम देवी के फेंफड़े में जा फंसी थी। एक्सरे के बाद इसकी जानकारी हो सकी। इससे फेंफड़ा फट गया था और अधिक रक्तस्त्राव से उनकी मौत हो गई। रविवार को गाव अहरौला में अंतिम संस्कार किया गया। बड़े बेटे ने उन्हें मुखाग्नि दी।
मुकदमों की लंबी फेहरिश्त
एसपी सिटी ने बताया कि अजय नशे के साथ ही आपराधिक किस्म का व्यक्ति है। वह पहले भी कई बार जेल जा चुका है। इसके खिलाफ थाना बन्नादेवी, खैर, अकराबाद व सिविल लाइन थाने में हत्या, लूट, जानलेवा हमले आदि से जुड़े सात मुकदमे दर्ज हैं। पिता नैपाल सिंह की ओर से मामले में मुकदमा दर्ज कराया गया है। आरोपित की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा व तीन कारतूस बरामद हुआ है।