डेस्क समाचार दर्पण लाइव
अलीगढ़ में इंसानियत को शर्मसार कर देने वाला दुष्कर्म का एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है। प्रदेश में महिलाएं ही नहीं अब बेजुबान पशु भी सुरक्षित नहीं हैं। यहां कोतवाली इगलास इलाके सतलापुर गांव में एक बेजुबान जानवर के साथ हवस के भूखे तीन सगे भाइयों ने गर्भवती भैंस के रस्सी से पैर और मुंह पेड़ से बांधकर बारी-बारी से दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।
इस शर्मनाक घटना का खुलासा खुद भैंस की मालकिन महिला और उसके बेटे ने किया है। उनका कहना है कि मामला 25 अक्टूबर की रात 9 बजे का है। पड़ोस के रहने वाले सरदार सिंह के बेटे राजेश, शैलू और देवा शराबी और आपराधिक प्रवृत्ति के हैं। बेजुबान जानवर के चिल्लाने की आवाज सुनकर मौके पर पहुंची महिला ने पशु के साथ बलात्कार कर भाग रहे एक युवक के कमर पर लट से प्रहार कर दिया। जिसके बाद पीड़ित महिला ने पशुओं के साथ बलात्कार करने वाले तीनों आरोपी युवकों के खिलाफ कोतवाली इगलास पहुंचकर लिखित में तहरीर देते हुए बलात्कार का मुकदमा दर्ज करने की मांग की।
वहीं इलाका पुलिस आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से गुरेज कर रही हैं, तो पीड़ित महिला सहित उसका पूरा परिवार पिछले 2 दिन से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर कोतवाली इगलास के चक्कर लगा रही है।
गौरतलब है कि भारतीय संविधान देश के नागरिकों के साथ-साथ बेजुबान जानवरों को भी जीवन जीने की आजादी दी है। अगर इनके जीवन को बाधित करने का कोई प्रयास करता है तो इसके लिए संविधान में कई तरह के दंड़ के प्रावधान हैं। किसी भी जानवर को परेशान करना, छेड़ना, चोट पहुंचाना, उसकी जिंदगी में व्यवधान उत्पन्न करना अपराध है। ऐसा करने पर 25 हजार रुपए जुर्माना और 3 साल की सजा हो सकती है। इसके बावजूद अगर पुलिस लापरवाह रवैया अपनाएगी तो दरिंदों को सजा कैसे मिलेगी। पुलिस का इस तरह से लापरवाह बने रहना बेजुबान जानवरों के साथ अपराध को बढ़ावा देना ही कहा जा सकता है।