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अलीगढ़ः जिले के बहुचर्चित छात्र नेता संजीव चौधरी हत्याकांड में 9 साल बाद शुक्रवार को जिला जज डा. बब्बू सारंग की अदालत ने फैसला सुनाया है।
सपा युवजन सभा के पूर्व जिलाध्यक्ष राघवेंद्र सिंह कालू समेत तीन लोगों को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास दिया गया है। कालू की पत्नी सुमन देवी वर्तमान में सपा समर्थित जिला पंचायत सदत्य हैं। फैसला आने के बाद तीनों के स्वजन व समर्थक कोर्ट पहुंच गए। इसके चलते कड़ी सुरक्षा में दोषियों को जेल ले जाया गया। जिला शासकीय अधिवक्ता (डीजीसी) क्राईम धीरेन्द्र सिंह तोमर ने बताया कि 27 अप्रैल, 2002 को डीएस डिग्री कालेज में छात्रनेता संजीव चौधरी की गोलियों से भूनकर हत्या की गई थी। इस मामले में संजीव के पिता व शहर के वरिष्ठ अधिवक्ता प्रिंस नगर कालोनी निवासी बलवीर सिंह ने थाना गांधी पार्क में हरदुआगंज के गांव कलाई् निवासी संजीव उर्फ रौबी, राघवेंद्र उर्फ कालू तथा गांव ग्वालरा निवासी योगेश के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। उनका कहना था कि बेटा बीए अंतिम वर्ष का छात्र था। परीक्षा के लिए वे उसे सुबह सात बजे कार से कालेज छोड़ने गए थे। कार से उतरकर संजीव कालेज के गेट के पास पहुंचा ही था कि तीनों ने फायरिंग शुरू कर दी। इनसे क्वार्सी क्षेत्र में एक जमीन की रंजिश चल रही थी। संजीव को पांच गोलियां लगीं, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई थी। मामले में अधिवक्ता बलवीर सिंह ने खुद पैरवी की थी। आरोपित फरार रहे। कोर्ट ने वारंट जारी करने के साथ कुर्की के आदेश भी दे दिए। एसओजी की टीम ने तीनों को अलग-अलग समय में गिरफ्तार कर जेल भेजा था।