राज्य विश्वविद्यालय के लिए चिन्हित जमीन की 50 करोड़ से भी ज्यादा है कीमत

                                          

डेस्क समाचार दर्पण लाइव।

अलीगढ़ :- घोषणा के दो साल के लंबे इंतजार के बाद मंगलवार को राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय का शिलान्यास हो गया। इसके लिए चिन्हित 50 करोड़ से भी अधिक की 92 एकड़ जमीन मुफ्त में उच्च शिक्षा को मिली है। तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह के निर्देश पर एसडीएम रहे रंजीत सिंह ने इस जमीन के फर्जी आवंटनों को निरस्त कर इस जमीन पर कब्जा लिया था। कई सप्ताह तक तत्कालीन अफसरों ने इसके लिए कड़ी मेहनत की थी।

ऐसे हुई विवि की स्‍थापना

सीएम योगी ने इगलास विधानसभा के उपचुनाव से पहले से 14 सितंबर 2019 को राजा महेंद्र प्रताप सिंह राज्य विश्वविद्यालय की घोषणा की थी। कुछ दिनों बाद शासन से प्रशासन को जमीन तलाशने के निर्देश दिए गए। यह भी कहा गया कि इगलास विधानसभा में उपचुनाव हुआ है। ऐसे में इसी विधानसभा क्षेत्र में प्राथमिकता से जमीन की तलाश की जाए। अगले दो दिनों में पूरे जिले में प्रशासन ने जमीन तलाशने के प्रयास किए, लेकिन कहीं भी जमीन नहीं मिली। इसके बाद तत्कालीन डीएम चंद्रभूषण सिंह ने जमीन तलाशने की जिम्मेदारी अपने हाथों में ली। उन्होंने तत्कालीन एसडीएम कोल रंजीत सिंह को पिछले कुछ सालों में हुए आवंटनों के फाइलों की जांच के निर्देश दिए। तत्काल एसडीएम ने लेखपाल व कानूनगो को जांच में लगाय। एसडीएम ने खुद कई ग्राम पंचायतों की जांच की। इसमें लोधा मूसेपुर के कुछ पट्टों पर आंशका हुई। इनकी जांच की गई। इसमें सामने आया कि नियमों के खिलाफ जमीन का आवंटन हुआ है। ऐसे में प्रशासन ने 300 से अधिक पट्टे निरस्त कर 92 एकड़ जमीन चिन्हित कर ली। कुछ दिनों बाद इसे उच्च शिक्षा विभाग को भी हस्तांतरित कर दिया गया।

50 करोड़ है जमीन कीमत

शिक्षा विभाग को भले ही मुफ्त में जमीन मिल गई है, लेकिन इसकी कीमत 50 करोड़ से भी अधिक है। लोगों ने दशकों से इस पर अवैध कब्जा कर रखा था। मुफ्त में जमीन मिलने से सरकार के लिए राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना का रास्ता और साफ हो गया।

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