भ्रष्टाचार के सवाल पर बाबू के बिगड़े बोल सुनकर समझ पायेंगे माजरा, ऑडियो वायरल
रिपो० निखिल शर्मा
अलीगढ़ के हरदुआगंज नगर पंचायत का कार्यालय इलाहाबाद शिफ्ट हो गया है, अगर आपको कोई जानकारी चाहिए तो इलाहाबाद वाले वकील साहब से मिलिए, ये हम नहीं हरदुआगंज नगर पंचायत के बड़े बाबू विनोद कुमार दावा कर रहे हैं... जी हां हरदुआगंज के बाजार में बीते साल 65 हजार में झीने की जगह को गुपचुप बेच डालने के बाद उठे सवालों के बीच नीलामी तो निरस्त हुई मगर डेढ़ साल बाद भी ये बेसकीमती झीने की जगह कब्जामुक्त नहीं कराई जा सकी, अधिवक्ता अशीष यादव ने ईओ सुचेता अरोरा से जानकारी मांगी तो ईओ के पूछने पर नगर पंचायत के मुख्य लिपिक विनोद बाबू बोले कि झीने की नीलामी व निरस्त होने संबंधी कोई रिकार्ड नगर पंचायत में नहीं है फाइल इलाहाबाद में है, जिसे सुनकर अधिशासी अधिकारी भी हैरान रह गई, अगले दिन अशीष यादव द्वारा फोन से बात करने पर बड़े बाबू के बोल सुनकर पूरी व्यवस्था पर सवाल उठने लगे, मामले की शिकायत डीएम से लेकर मुख्यमंत्री तक भेजकर जांच की मांग की गई है।
ये है मामला
हरदुआगंज नगर पंचायत के मुख्यबाजार में 49 सरकारी दुकानें बनी हैं, जिनके मध्य छत पर आवागमन के लिए एक झीना बना था, 3 गुणा 11 के क्षेत्रफल में बने झीने की बेसकीमती जगह को वर्ष 2020 में नगर पंचायत ने गुपचुप तरीके से एक चांट विक्रेता दुकानदार को महज 65 हजार रूपये में बेच दिया था, चांट विक्रेता द्वारा झीने को तोडऩे पर अन्य दुकानदार विरोध में आ गए थे, पड़ोसी कोस्मेटिक दुकान संचालक संजय कुमार ने इस जगह को ढाई लाख में खरीदने का प्रस्ताव देते हुए तत्कालीन ईओ व चेयरमैन पर भ्रष्टाचार आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी से शिकायत कर झीने की सार्वजनिक नीलामी कराने की मांग की थी। बढ़ते आक्रोश के बीच बैकफुट पर आए तत्कालीन ईओ मनोज श्रीवास्तव ने 04 मार्च 2020 को झीने की नीलामी निरस्त कर चांट विक्रेता को जगह खाली करने को नोटिस दिया एवं मुख्य लिपिक विनोद कुमार को पुन: झीना निर्माण के निर्देश दिए थे, इसके कुछ दिन बाद ही कोरोना महामारी के बीच ईओ मनोज श्रीवास्तव का तबादला हो गया, जिसके बाद मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया गया था, अब नगर पंचायत कार्यालय से इसका रिकार्ड ही गायब कर दिया गया है। बातचीत की ऑडियो रिकोर्डिंग वायरल होने पर मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
पांच लाख में बेचा झीना व 65 हजार दिखाये : आशीष
हरदुआगंज मोहल्ला अहीरपाड़ा निवासी अधिवक्ता आशीष यादव ने इस झीने की जगह को पांच लाख में बेचने पर नीलामी के रिकार्ड में महज 65 हजार रूपये दर्शाने के आरोप को दोहराया है, बीते साल भी इसी तरह के आरोपों के बाद झीने की नीलामी निरस्त की गई थी, आशीष का दावा है कि तत्कालीन ईओ व चेयरमैन तिलकराज यादव के साथ आंकड़ों में फेरबदल कर झीने की नीलामी के भ्रष्टाचार में मुख्य लिपिक मुख्य भूमिका में थे, मामले को बड़ा घोटाला बताते हुए जिलाधिकारी सेल्वा कुमार जे. व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत भेजकर जांच की मांग की है।
मामले में चेयरमैन तिलकराज यादव का कहना है कि रिकार्ड ऐसे ही पहुंच जाते हैं, में ऑफिस नहीं बैठा हूं बैठुंगा तो देखुंगा।
सुनें वायरल ऑडियो,,,