मंडल की इकलौती चीनी मिल हुई जर्जर, नवीनीकरण के लिए होगी पंचायत

                                            

डेस्क समाचार दर्पण लाइव।

  अलीगढ़ :- साथा चीनी मिल के नवीनीकरण पर चर्चा करने के लिए रविवार को किसान पंचायत बैठ रही है। साथा चीनी मिल किसान संघर्ष मोर्चा द्वारा अायोजित इस पंचायत में जन प्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है। साथा चीनी मिल के नवीनीकरण पर चर्चा करने के लिए रविवार को किसान पंचायत बैठ रही है। साथा चीनी मिल किसान संघर्ष मोर्चा द्वारा आयोजित इस पंचायत में जनप्रतिनिधियों को भी बुलाया गया है।


मंडल में एक मात्र चीनी मिल है जो 52 वर्ष पुरानी है


मैरिस रोड स्थित रेस्टोरेंट में भाकियू (भानु) के प्रदेश महासचिव डा. शैलेंद्र पाल सिंह ने मीडिया को बताया कि मंडल में एक मात्र चीनी मिल है, जो 52 वर्ष पुरानी होने के कारण खराब स्थिति में है। मशीनों के कलपुर्जे आसानी से नहीं मिलते। मिल अक्सर बंद ही रहती है। पैराई न होने से किसान विरोध-प्रदर्शन कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि साथा चीनी मिल किसान संघर्ष मोर्चा का गठन किया गया है। इसी के बैनर तले रविवार को सुबह 10 बजे चीनी मिल पर किसान पंचायत आयोजित की जा रही है। अलीगढ़ के सभी जनप्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है, जिससे किसानों और जनप्रतिनिधियों के बीच संवाद हो सके और चीनी मिल के नवीनीकरण के लिए रणनीति तैयार की जा सके। 


चार साल से मिल में नियमित पेराई नहीं हो पा रही है 


ब्रजेश पाल सिंह ने बताया कि पिछले चार साल में मिल में नियमित पैराई नहीं हो सकी। किसानों को 200 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से गन्ना बेचना पड़ा। कुसुम सिंह ने बताया कि मिल के सुचारू न चलने से 70 फीसद किसान गन्ना की खेती छोड़कर गेहूं और धान की खेती करने लगे हैं। दीपक ठाकुर ने बताया कि अलीगढ़ के प्रभारी मंत्री पर सुरेश राणा गन्ना मंत्री भी हैं, बावजूद इसके मिल नहीं चल पा रही। अजीत सिंह ने बताया कि पंचायत में एक हजार से अधिक किसान शामिल होेंगे। पंचायत मे किसानों को अपनी ताकत का अहसास कराना होगा तभी समस्‍या का समाधान निकलेगा।  किसानो का कहना है कि सरकार ने अगर चीनी मिल की ओर ध्‍यान नहीं दिया तो आने वाले समय में किसान गन्‍ने की खेती से मुंह मोड़़ लेंगे।

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